-रिम्स में भर्ती दर्जनों मरीज व उनके परिजनों ने विधानसभा स्वास्थ्य समिति से लगाई गुहार

-कहा, बाहर से दवा खरीदने व टेस्ट कराने में हम लोग तो यूं ही मर जाएंगे

-टेस्ट नहीं होने के कारण चार दिन से एडमिट मरीज का इलाज भी शुरू नहीं हुआ

>RANCHI: सर, रिम्स में दवा दिलवा दीजिए ना। बाहर से खरीदने में बहुत पैसा लग रहा है। हम गरीब लोग इतना पैसा कहां से लाएंगे। बेटा चार दिन से रिम्स में भर्ती है। एक्स-रे कराना है। स्टाफ बोल रहे हैं कि मशीन खराब है। अभी टेस्ट नहीं हो सकता। अब आप ही बताइए न कि ऐसे में हम गरीब लोग कहां जाएं? क्या करें? रिम्स में दवा नहीं मिलेगी, तो हम लोग यूं ही मर जाएंगे। यह पीड़ा रिम्स में भर्ती दर्जनों मरीज के परिजनों ने बुधवार को विधानसभा स्वास्थ्य समिति को सुनाई। समिति अध्यक्ष स्टीफन मरांडी, मेंबर विरंची नारायण समेत हेल्थ सेक्रेटरी के विद्यासागर जैसे ही इमरजेंसी व न्यूरो वार्ड में पहुंचे मरीज व उनके परिजनों ने चारों ओर से घेर लिया। रिम्स में दवा और टेस्ट फैसिलिटी उपलब्ध कराने के लिए गिड़गिड़ाने लगे। इस पर स्टीफन मरांडी ने मौके पर मौजूद डायरेक्टर को व्यवस्था जल्द सुधारने का निर्देश दिया।

व्यवस्था सुधारने पर मीटिंग में चर्चा

इससे पहले एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के कान्फ्रेंस हॉल में विधानसभा स्वास्थ्य समिति की एक मीटिंग हुई। इसमें रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में स्टीफन मरांडी, विरंची नारायण, हेल्थ सेक्रेटरी के विद्यासागर के अलावा कई अन्य लोग भी मौजूद थे।

विधानसभा को रिपोर्ट करेगी समिति

विधानसभा स्वास्थ्य समिति ने रिम्स में निर्माण कार्यो का भी जायजा लिया। रिम्स में बनाए जा रहे हॉस्टल, पार्किग, आई हॉस्पिटल, एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग साइट पर जाकर काम का प्रोग्रेस देखा। अब समिति रिपोर्ट तैयार कर विधानसभा में पेश करेगी। इस आधार पर रिम्स में सुधार के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते हैं मरीज के परिजन

मेरे सात महीने के बच्चे की पीठ में पानी जमा हो गया है। उसे रिम्स के न्यूरो वार्ड में भर्ती कराया है। लेकिन, इस हॉस्पिटल में केवल एक ही दवा दी जा रही है। बाकी की दवाइयां बाहर से ही खरीदनी पड़ रही है। इसमें हर दिन 700 रुपए खर्च हो रहे हैं। हम गरीब लोग इतने पैसे कहां से लाएं।

-पिंकी गुप्ता, देवघर

हॉस्पिटल से दवाइयां नहीं मिल रही हैं। जिससे हर दिन एक हजार की दवा बाहर से खरीदनी पड़ रही है। पूछने पर स्टाफ्स दवा नहीं होने की बात कहते है। मेरे पास तो पैसे भी खत्म हो गए है। अब हम दवा कहां से खरीदेंगे।

-मनोज कुमार वर्मा, गिरिडीह

मेरा मरीज तीन दिनों से यहां भर्ती है। लेकिन उसका एक्स-रे नहीं किया जा रहा है। पूछने पर कहा जाता है कि अभी मशीन खराब है। ठीक होने पर एक्सरे किया जाएगा। ऐसे में मरीज का इलाज भी शुरू नहीं हो रहा है।

बैजनाथ साहू, हजारीबाग