जुलूस निकालने की हो रही थी तैयारी
रिपोर्ट के मुताबिक, यह विस्फोट उस समय हुआ जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पवित्र दिन अशूरा के अवसर पर जुलूस निकालने के लिए इकठ्ठा हुए थे। यह विस्फोट हुसैनी दालान में रात लगभग डेढ़ बजे हुआ। जहां यह विस्फोट हुआ वह 17वीं शताब्दी का शिया समुदाय का महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र माना जाता है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शिया लोग अशूरा के अवसर पर जब पारंपरिक जुलूस की तैयारी कर रहे थे, उसी समय यह हादसा हुआ था।
भीड़ पर फेंके गए बम
बताते चलें कि अशूरा इस्लॉमिक महीने मुहर्रम के 10वें दिन मनाया जाता है। यह पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहरादत की याद में आयोजित किया जाता है। रैपिड एक्शन बटालियन के अतिरिक्त महानिदेशक जिया उल अहसन ने कहा कि लोगों की भीड़ पर कुछ अराजक तत्वों ने बम भी फेंके थे।
किसी समूह ने नहीं ली जिम्मेदारी
फिलहाल अभी तक किसी समूह की तरफ इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में घायल हुए ज्यादातर लोग पुरुष ही हैं। इसमें 1 व्यक्ित की मौत हो गई जबकि 87 अन्य घायल हो गए। इस्लामी चरमपंथियों के हिंसक हमलों के चलते इस साल हिंसा चरम पर पहुंच गई है। विस्फोटों के बाद लोग बदहवास हालत में इधर-उधर भागे जा रहे थे। हालांकि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया गया।
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