स्टूडेंट्स ने एमएचआरडी पोर्टल पर दी पूरी जानकारी

शिकायत के बाद नए सिरे से हुआ एंटी रैगिंग कमेटी का गठन

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसएसएल हॉस्टल में नौ अगस्त की रात बीए फ‌र्स्ट ईयर स्टूडेंट्स के साथ रैंगिंग हुई। अब यह मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक पहुंच गया है। रैगिंग के शिकार स्टूडेंट्स ने 11 अगस्त को मंत्रालय के एंटी रैगिंग सेल के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत दर्ज होने के बाद मंत्रालय ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए विवि प्रशासन से एंटी रैगिंग कमेटी का पुनर्गठन कर उसे विवि के सभी परिसरों में एक्टिव करने का निर्देश दिया।

फिर से गठित हुई कमेटी

मंत्रालय का निर्देश मिलते ही विवि में एंटी रैगिंग कमेटी के पुनर्गठन में तेजी दिखाई गई है। इसको लेकर मंगलवार को कमेटी का गठन किया गया। इसके चेयरपर्सन कुलपति प्रो। आरएल हांगलू होंगे। सदस्य के तौर पर जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी और एसपी सिटी को शामिल किया गया है। विवि की ओर से कमेटी में प्रो। नीलम शंकर, प्रो। शांति सुंदरम, प्रो। शबनम हामिद, डीएसडब्ल्यू प्रो। हर्ष कुमार, डॉ। राकेश सिंह, डॉ। अभिषेक कुमार, डॉ। दीपशिखा सोनकर को सदस्य बनाया गया है।

एसपी क्राइम नोडल ऑफिसर

एंटी रैगिंग कमेटी का नोडल ऑफिसर एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा को बनाया गया है। उनके पास कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ संवाद व मीटिंग किए जाने जैसे अधिकार होंगे। कमेटी में एक सदस्य एनजीओ से भी रखने का प्रावधान किया गया है। इसलिए आर्थिक अनुसंधान केन्द्र के निदेशक हर गोविंद सिंह को भी सदस्य बनाया गया है।

स्टूडेंट्स भी कमेटी में सदस्य

इस एकेडमिक सेशन में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। इनमें आर्ट फैकेल्टी से बीए प्रथम वर्ष के छात्र कार्तिकेय सिंह, साइंस फैकेल्टी से बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा शुभी मोहन और लॉ फैकेल्टी से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स बीए एलएलबी के स्टूडेंट मुकुल कुमार हैं। कमेटी में दो गार्जियन को भी शामिल किया जाएगा, जिसका निर्णय गुरुवार तक हो जाएगा।

कमेटी का डिसीजन सर्वोपरि

विवि की सर्वोच्च बॉडी कार्य परिषद विवि व उसके संघटक कॉलेजों में नई योजनाओं और उसकी बेहतरी के लिए कोई निर्णय लेती है तो वह फाइनल होता है। ठीक उसी तरह विवि या हॉस्टल में जिन स्टूडेंट्स का नाम आता है या उनके खिलाफ चीफ प्रॉक्टर के स्तर से निलंबन की कार्रवाई की जाती है। निलंबन के उस प्रकरण पर निष्कासन का अधिकार एंटी रैगिंग कमेटी के पास ही रहेगा।

सात दिनों में होगा निष्कासन पर निर्णय

मंगलवार को चीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे ने बताया कि एसएसएल हॉस्टल में रैगिंग के आरोपी सभी सात छात्रों ने अपना पक्ष रिटेन में फाइल कर दिया है। नियमानुसार रैगिंग के किसी भी प्रकरण में सबसे पहले प्रॉक्टोरियल बोर्ड की इंटरनल कमेटी आरोपियों का पक्ष सुनती है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट एंटी रैगिंग कमेटी के पास भेजेगी। उसके बाद यह कमेटी प्रॉक्टोरियल बोर्ड की इंटरनल कमेटी की रिपोर्ट पर अपना डिसीजन लेगी।

पोर्टल पर होती है गोपनीयता

मंत्रालय के पोर्टल पर जिन स्टूडेंट्स द्वारा रैगिंग की शिकायत की जाती है उनका नाम गोपनीय रखा जाता है। लेकिन जिनके खिलाफ शिकायत की जाती है उसका नाम और रैगिंग के प्रकार को पोर्टल पर दर्शाया जाता है।

रैगिंग के भुक्तभोगी छात्रों ने एम एचआरडी के एंटी रैगिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी में एंटी रैगिंग कमेटी का पुनर्गठन किया गया है। एसपी क्राइम को नोडल ऑफिसर बनाया गया है और जिला व पुलिस प्रशासन के साथ स्टूडेंट्स को भी शामिल किया गया है।

-प्रो। राम सेवक दुबे,

चीफ प्रॉक्टर इविवि