- एक सीट बाबा के नाम रिजर्व करने पर हुआ था बवाल
- 23 फरवरी को पहली बार प्रयागराज आयेगी महाकाल एक्सप्रेस
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PRAYAGRAJ:
काशी महाकाल एक्सप्रेस इनॉगरेशन ट्रेन के बी-5 कोच में 64 नंबर बर्थ पर महाकाल का दरबार सजाने और फिर हंगामा मचने के बाद आईआरसीटीसी ने 64 नंबर बर्थ को खाली कर दिया है, लेकिन बाबा महाकाल पैसेंजर्स के साथ ट्रेन में सफर करते रहेंगे, क्योंकि उनके दरबार को बी-5 कोच से अब पेंट्रीकार में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां वेंडिंग स्टॉफ द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के बाद ही भोजन बनाया जा रहा है।
असद ओवैसी ने उठाया था सवाल
गुरुवार से काशी महाकाल एक्सप्रेस का कॉमर्शियल रन शुरू हुआ। पहले दिन महाकाल एक्सप्रेस वाया सुल्तानपुर-लखनऊ इंदौर के लिए रवाना हुई। वहीं कॉमर्शियल रन शुरू होने के बाद 23 फरवरी को पहली बार ट्रेन इलाहाबाद जंक्शन आएगी। काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन में भगवान भोलेनाथ का दरबार बनाने के बाद विवाद शुरू हो गया था, जब असद ओवैसी ने पीएमओ को मेंशन करते हुए सोशल मीडिया में इस बाबत संविधान के एक पन्ने को शेयर किया था। 16 फरवरी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखाकर काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया था। वहीं ओवैसी के ट्वीट और हंगामे के बाद आइआरसीटीसी ने क्लीयर किया था कि पहली बार ट्रेन की रवानगी के दौरान मंगलकामना के लिए पूजन के लिए बर्थ को मंदिर का रूप दिया गया था। ट्रेन में मंदिर की यह अस्थाई व्यवस्था थी।
काशी महाकाल एक्सप्रेस में सीट अवेलेबिलिटी
कॉमर्शियल रन के पहले दिन महाकाल एक्सप्रेस जहां फुल रही। वही 23 फरवरी को वाया प्रयागराज पहली बार गुजरने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस में अभी भी इलाहाबाद से इंदौर के लिए कई सीटें खाली हैं।
डेट सीट अवेलेबिलिटी
23 फरवरी 215
01 मार्च 247
8 मार्च 250
15 मार्च 248
22 मार्च 265
29 मार्च 274