-सभी लोग दे रहे हादसे का रूप, कहा कि खेलते वक्त बालकनी से गिरा

-पास का ही एक पेड़ इशारा कर रहा फेंकने की ओर

-पेड़ पर चौथी मंजिल से फेंके गए गद्दे, चादर व तौलिए लटके हुए थे

ALLAHABAD: सिविल लाइंस में सरदार पटेल मार्ग पर रविवार को एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग की चौथी मंजिल से गिरने से 15 महीने के मासूम की मौत हो गई। जिस फ्लैट से बच्चा गिरा, उसमें रहने वाले इसे हादसा बता रहा हैं, लेकिन बिल्डिंग कैंपस में ही मौजूद एक पेड़ दूसरी ही कहानी बयां कर रहा है। इस पेड़ पर ऊपरी मंजिल से फेंके गए गद्दे, चादर, तौलिए, रुमाल के साथ कई अन्य सामान लटके दिखे। आसपास के लोगों का कहना है कि बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वह आए दिन शोर मचाती है और फ्लैट से सामान बाहर फेंकती है। हो सकता है कि बच्चे के रोने या किसी बात से नाराज होकर उसने उसे नीचे फेंक दिया हो। हालांकि, न तो रिपोर्ट दर्ज कराई गई, न ही बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फैमिली मेंबर्स से एक्सीडेंट की एप्लीकेशन लेकर सिविल लाइंस पुलिस बिना इन्वेस्टिगेशन किए ही लौट आई।

पीवीआर के ठीक सामने है बिल्डिंग

बच्चा जिस बिल्डिंग से गिरा, वह पीवीआर के सामने है। मेन रोड पर कॉमर्शियल बिल्डिंग है तो पीछे रेजिडेंशियल। बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर फैमिली के साथ रहते हैं मददगार हुसैन रिजवी। रिजवी मूलरूप से कौशांबी के करारी के रहने वाले हैं। उनके घर पर ही सुल्तानपुर की कांशीराम कालोनी का शान मोहम्मद रहता है। वह घर का काम तो करता ही है, शाम को बिल्डिंग के पास मोमोज भी बेचता है। चार साल पहले उसकी शादी शाहीन से हुई थी। उसको 15 माह का बेटा मो। अली भी था। बच्चा दिन में करीब साढ़े 11 बजे वह चौथी मंजिल के फ्लैट से गिर गया। बच्चे के मुंह के अंदर खून लगा था। बाकी हिस्से में चोट के कोई निशान नहीं मिले। आसपास के लोगों ने बच्चे की चीख भी नहीं सुनी। रिजवी फैमिली का कहना है कि आसपास के लोगों से ही हादसे की खबर मिली।

ले जाया गया हॉस्पिटल

मो। अली को लेकर फैमिली मेंबर्स सिविल लाइंस के ही एक प्राइवेट पहुंचे। वहां भर्ती न करने पर उसे एक दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बॉडी लेकर फैमिली के लोग बिल्डिंग पर आ गए। इतनी देर में खबर सिविल लाइंस थाने की पुलिस तक पहुंच गई। मौके पर सिविल लाइंस चौकी प्रभारी इंदल यादव पहुंचे। उन्होंने फैमिली के लोगों से बात की। पुलिस को बताया गया कि बच्चा खेलते हुए बालकनी तक आ गया था। बालकनी की रेलिंग काफी छोटी है। हो सकता है कि वह उस पर खड़ा होने की कोशिश करते हुए नीचे गिर गया हो। पुलिस ने फैमिली के लोगों के बयान को ही सच मान लिया। बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही गई, लेकिन फैमिली के लोग इसके लिए राजी नहीं हुए। इस पर पुलिस ने एक्सीडेंट और पोस्टमार्टम न कराने की एक एप्लीकेशन ली और चलती बनी।

सुबूतों पर नहीं दिया ध्यान

पुलिस की वर्किंग एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। पुलिस ने आसपास के लोगों से बात तक नहीं की। किसी ने बच्चे को गिरते हुए नहीं देखा था। पुलिस ने सबसे अहम सुबूत पेड़ पर लटके गद्दों, तौलियों, चादरों की ओर देखा तक नहीं। पेड़ पर लटके कपड़े इस ओर इशारा कर रहे थे कि कोई तो है इस बिल्डिंग में जो सामान फेंकता है। कहीं सामान फेंकने वाले ने ही तो बच्चे को नीचे नहीं फेंक दिया? पुलिस ने इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश नहीं की। मामला अगर सस्पेक्ट था तो पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया।

खून क्यों नहीं निकला

पुलिस ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि बच्चा चौथी मंजिल से गिरा, लेकिन उसके शरीर पर कहीं भी खून के निशान नहीं थे। थोड़ा सा खून उसके मुंह के भीतर दिख रहा था। ऐसा तभी हो सकता है जब बच्चे की मौत पहले हो गई हो और बॉडी को लाकर ग्राउंड फ्लोर पर रख दिया जाए। ऐसा तभी पॉसिबिल है कि जब उसका मर्डर हुआ हो। पुलिस का तो ध्यान इस ओर गया ही नहीं। कुछ लोगों ने यह बात कहनी चाही, लेकिन पुलिस हादसा है, कहकर चलती बनी।

कुछ लोग कह रहे थे दूसरे कैंपस में गिरा था बच्चा

कुछ लोगों कहना था कि बच्चा पास की ही कॉमर्शियल बिल्डिंग के कैंपस में गिरा था। हालांकि रिजवी की फैमिली बता रही थी बच्चा उनकी बिल्डिंग के कैंपस में गिरा था। हालांकि दोनों बिल्डिंग के फ्लोर पर कहीं भी खून के निशान नहीं थे। आसपास रहने वाले दबी जुबान में काफी कुछ कहना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। आईनेक्स्ट रिपोर्टर को बिल्डिंग के कुछ लोगों ने बताया कि एक महिला है जो आए दिन हंगामा कर सामान बाहर फेंकती है। इस मामले के तार उससे जुड़े हो सकते हैं।

बेसुध हो गई मां

सवा साल के अली की मौत के बाद से ही उसकी मां शाहीन का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे को खोने बाद से वह बेसुध है और बार-बार अली का नाम ले रही है। गमजदा परिजन भी उसे संभालने की कोशिश में खुद भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं।

इन बातों पर क्यों नहीं गया ध्यान

-बच्चा चौथी मंजिल से गिरा लेकिन जमीन पर कहीं भी खून के निशान क्यों नहीं

-जमीन पर गिरने पर सिर के साथ ही हाथ-पांव भी टूटते, लेकिन बॉडी के बाहरी हिस्से पर खून नहीं मिला

-मुंह के भीतर खून लगने की कई वजहें हो सकती हैं, एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि ऐसा गला घोंटने पर भी हो सकता है

-यह भी हो सकता है कि बच्चे की मौत पहले हो गई हो और बाद में बॉडी ग्राउंड फ्लोर पर रख दी गई हो

-पुलिस को पेड़ पर लटके सामान देखकर यह अंदेशा क्यों नहीं हुआ कि बच्चे को भी फेंका जा सकता है

-पुलिस चाहती तो पोस्टमार्टम कराके सारी हकीकत का पता लगती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया

-पुलिस ने यह क्यों नहीं पता लगाने की कोशिश की कि बच्चा आखिर गिरा किस जगह पर था

इस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की। बच्चे के माता-पिता का कहना है कि यह हादसा था। बिल्डिंग में किसी ने भी मर्डर की शिकायत नहीं की। ऐसे में फैमिली के अनुरोध पर बॉडी बिना पोस्टमार्टम के ही सौंप दी गई।

महेश पांडेय, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस