नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने शुक्रवार को सबसे 'हर कीमत पर जीतने' की अवधारणा पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि हमें अपनी क्षमता पर भरोसा करना आना चाहिए। गोपी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के फेसबुक पेज पर लाइव बोल रहे थे। गोपी ने एक खिलाड़ी के रूप में और फिर एक कोच के रूप में अपने करियर का उइाहरण दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए सफलता अब जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि किसी की पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए है।

लक्ष्य के पीछे मत भागो

सभी कोच को अपना 100 प्रतिशत देना चाहिए। हालांकि उन्हें एक बात ध्यान रखनी होगी कि सफलता के पीछे नहीं भागना है। उसके लिए एथलीट ने कितने प्रयास किए हैं इस पर जोर देना होगा। हर एक एथलीट टैलेंटेड होता है और उनके अंदर पोटेंशियल भी होती है मगर ओलंपिक में एक बार में एक ही एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है। गोपीचंद ने अभिनव बिंद्रा, साइना नेहवाल और पीवी सिंधू का उदाहरण दिया और बताया आखिर क्या था, जिसके चलते ये ओलंपिक मेडलिस्ट बने।

हारने पर हार न मानें

गोपीचंद ने आगे कहा, 'भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए हमें लक्ष्य आधारित नहीं बल्कि उसके लिए कितने प्रयास किए, इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।' इस बीच गोपीचंद ने अपने माता-पिता और कोचों को धन्यवाद दिया और कहा, वह आज जहां हैं, वहां तक ​​पहुंचने में कई लोगों ने मदद की। विशेष रूप से बैडमिंटन के दिग्गज प्रकाश पादुकोण को बहुतों के लिए प्रेरणा बनने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने सत्र को समाप्त करने का आग्रह करते हुए एथलीटों से कहा कि वे मैदान पर अपना सब कुछ दें, लेकिन यह भी याद रखें कि हारने पर हार न मानें।