- पटना जिला से 2 लाख 4 हजार रुपए अधिक करा लिया था भुगतान

PATNA

: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में पांच करोड़ रुपए के घोटाला मामले में निगरानी की विशेष अदालत ने एक प्राइवेट कंपनी सीरी राम न्यू होराइजन के उपाध्यक्ष सौरव बसु के अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। बसु फरार चल रहा है। जमानत आवेदन का विरोध विजिलेंस के कनीय विशेष लोक अभियोजक आनंदी सिंह ने किया। कनीय विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि बिहार विकास महादलित मिशन अनुसूचित जाति और जनजाति के लिये कई योजना चला रही थी। इसी योजना के तहत दशरथ मांझी योजना थी। जिसके तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को प्रशिक्षण देना था। परीक्षा लेकर प्रमाण पत्र निर्गत करना था ताकि युवा रोजगार से जुड़ सकें। प्रशिक्षण देने के बाद आरोपित सौरव बसु ने मिशन के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी वरीय आइएएस अधिकारी एसएम राजू के साथ 2011 में एग्रीमेंट किया। बाद में प्रशिक्षण कार्य समाप्त हो जाने के बाद आरोपित बसु ने छात्र एवं छात्राओं की एक सूची मिशन को सौंपी। इस सूची के आधार पर मिशन से कंपनी ने पटना जिला से 2 लाख 4 हजार रुपए और गोपालगंज जिला से 94 हजार रुपए अधिक भुगतान प्राप्त कर लिया। निगरानी ने तैयार सूची की जांच में पाया कि एक ही छात्र ने एक ही समय में कई केंद्रों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। निगरानी ने अन्य जिलों में जांच जारी रखी।