वैसे जिस समय गुरुनाथ को पुलिस हेड क्वार्टर लाया गया था, तो उनके साथ वकीलों की फौज खड़ी थी. लेकिन पूछताछ के समय वह अकेले थे, जबकि सवालों की बौछार के लिए उनके सामने क्राइम ब्रांच के चीफ हिमांशु रॉय, क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर निकत कौशिक, और डीसीपी सत्यनारायण चौधरी मौजूद थे.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपनी टीम पर लगाए गए सभी सट्टों में गुरुनाथ को सफलता मिली. यहां तक कि पिछले कई साल में उन्होंने जितने सट्टे लगाए, उनमें से 80 परसेंट में उन्हें जीत मिली. पुणे वारियर्स से सीएसके की हार वाले मैच पर हमारी निगाह है. एक मजबूत टीम की इतनी आसानी से हार संदेह पैदा कर रही है.

गुरु के खिलाफ धोखाधड़ी के साथ अपराधिक साजिश और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें सूचना तकनीकी कानून की धारा 66ए भी शामिल है. कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सट्टेबाजी जमानती अपराध है इसलिए गुरुनाथ को हिरासत में नहीं दिया जाना चाहिए. उनकी पत्नी और बच्चे हैं.

वह अपनी मर्जी से पूछताछ के लिए मुंबई आए थे. उन्हें गिरफ्तार करने का भी कोई कारण नहीं है. वह भाग नहीं रहे. अगर पुलिस को उनकी आवाज के नमूने चाहिए तो यह बाद में भी लिए जा सकते हैं. दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों के दौरान एक बार ऐसा लगा कि मुंबई पुलिस को झटका लगने वाला है लेकिन तभी कोर्ट को विंदू और गुरुनाथ के बीच बातचीत का टेप सुनाया गया. इसके बाद कोर्ट ने गुरुनाथ को पुलिस हिरासत में भेज दिया.

बाद में हिमांशु राय ने बताया कि हमने गुरुनाथ के पास से एक आइफोन और आइपॉड बरामद किए हैं. अभी चार सिम कार्ड बरामद करने हैं जो कि फर्जी दस्तावेजों के जरिये लिए गए हैं.

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