पटना(ब्यूरो)। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में पटना ही नहीं आसपास के जिलों से भी इलाज कराने के लिए लोग आते हैं। इसके बावजूद अस्पताल में आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है है। ये हम नहीं अस्पताल में आने मरीजों के परिजनों का कहना है। दरअसल अस्पताल के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में लगीे अल्ट्रासाउंड की 12 मशीनों में दस मशीनेंं मेंटेनेंस के अभाव में पिछले दो माह से खराब हंै। अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन में लगे मरीजों को सुबह से शाम हो जाती है लेकिन नंबर नहीं आता है। ऐसे मे इलाज के लिए मरीज बाहर से अल्ट्रासाउंड कराते हैं। इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से आ रही थी। हकीकत जानने के लिए हमारी टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि जो मशीनें खरीदी गई थीं उनका पेमेंट विभाग की ओर से नहीं किया गया। इस वजह से मशीनों का मेंटेंनेस कार्य कंपनी ने बंद कर दिया। मेंटेंनेंस नहीं होने से मशीनें बंद हैं और परेशानी मरीजों को हो रही है।

गॉल ब्लाडर, किडनी स्टोन और गर्भवती महिलाओं को परेशानी

पीएमसीएच के ओपीडी में तकरीबन 2000 से 2500 मरीज प्रति दिन ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। इसमें 200 से 250 मरीज किडनी, गॉल ब्लाडर और गर्भवती महिलाएं होती हंै। इन मरीजों को डॉक्टर अल्ट्रासाउंड लिखते हैं। इसके बाद अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज रेडियोलॉजी विभाग पहुंचते हैं। यहां पहुंचने के बाद पता चलता है कि लंबी लाइन है। तीमारदार सुबह छह बजे से ही अल्ट्रासाउंड के लिए क्यू में लग जाते हैं। दोपहर के एक बजते ही विभाग बंद हो जाता है और मरीज क्यू में ही रह जाते हैैं। रेडियोलॉजी विभाग में कुल 12 अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं जिनमें 7 मशीनें पहले से खराब थीें। पांच और खराब हो गईं । इसके बाद मरीजों का अल्ट्रासाउंड बंद हो गया। पीएमसीएच प्रशासन ने आनन-फानन में 2 मशीनें सही कराईं। 2 मशीनों से तकरीबन 250 मरीजों का अल्ट्रासाउंड करना संभव नहीं है। इसलिए क्यू में ही मरीज रह जाते हैं।

बाहर लग रहे 1200 से 1800 रुपए

रेडियोलॉली विभाग में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने की वजह से अस्पताल में आने वाले मरीज अस्पताल के बाहर बने अल्ट्रासाउंड केंद्रों से अल्ट्रासाउंड कराने को मजबूर हंै। गॉल ब्लाडर में स्टोन से पीडि़त मरीज के परिजन विमल ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में भीड़ को देखते हुए बाहर से अल्ट्रासाउंड कराया, जहां 1200 रुपए लगे। इसी तरह एक गर्भवती महिला को डॉक्टर ने रंगीन अल्ट्रा साउंड कराने की सलाह दी। अल्ट्रासाउंड कराने में 1800 रुपए खर्च हुए।

विभाग को लिख चुके हैं पत्र

पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ। आईएस ठाकुर से सवाल करने पर उन्होंने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड मशीनों का मेंटेनेंस होना है। जिस कंपनी से मशीन खरीदी गई थी उसका कुछ पैसा बाकी है। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। फिलहाल दो मशीन से काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी के पेशेंट के लिए अलग से मशीन लगा है इसलिए इमरजेंसी के पेशेंट को कोई दिक्कत नहीं होता है।

दरभंगा से अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए आए सुरेश ने बताया कि पत्नी को गॉल ब्लॉडर में स्टोन है। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा है। रेडियोलॉजी विभाग में दो दिनों तक नंबर ही नहीं आया ऐसे में बाहर से ही अल्ट्रासाउंड करा लिया, क्योंकि अल्ट्रासाउंड के बिना इलाज संभव नहीं था। अल्ट्रासाउंड कराने में तकरीबन 1500 रुपए खर्च हुए।


पटना के बाढ़ से आए विनीत ने बताया कि पिता के इलाज के लिए पीएमसीएच आए डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड लिखा। किडनी में समस्या है। बिना अल्ट्रासाउंउ के इलाज संभव नही हैं। लगातार दो दिनों तक क्यू में लगे मगर नंबर नहीं मिला। आज बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने का निर्णय लिया है। अस्पताल की लचर व्यवस्था के कारण मरीज ओर उनके परिजन को इलाज कराने में काफी समस्या झेलनी पड़ती है और अस्प्ताल प्रशासन मौन है।



रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड मशीनें खराब होने की सूचना मिली थी। इसके बाद कुछ मशीनों को सही करा लिया गया। इस बीच मैैं अमेरिका चला गया था। जो मशीन खराब है उसको ठीक कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है।
- डॉ। आईएस ठाकुर, सुपरिटेंडेंट, पीएमसीएच