PATNA: गंगा अपार्टमेंट में रह रहे लगभग क्क्0 परिवारों की जान से प्रशासन ने खेला है। कारण कि बाढ़ का पानी रात से ही अपार्टमेंट में पहुंचने लगा था इसके बाद भी बिजली नहीं काटी गई। अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि सुबह-सुबह प्रशासन को सूचना दे दी गई लेकिन दोपहर तक कोई भी अधिकारी बचाव में नहीं आया।

डीएम साहब आ रहे हैं

इस बीच सुबह कुछ पुलिसवालों ने बताया कि डीएम साहब आने वाले हैं। लोगों को लगा कि डीएम के आने से समाधान निकलेगा और बिजली कटने के साथ पानी को बाहर निकालने की व्यवस्था होगी। लेकिन दोपहर दो बजे तक न तो डीएम पहुंचे और न ही कोई अधिकारी। हालात को देखते हुए लोग खुद ही मोटर के जरिए पानी निकालने लगे लेकिन जितनी तेजी से पानी निकाला जा रहा था उससे अधिक तेजी से पानी नाला के रास्ते अपार्टमेंट में आ रहा था।

कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी दिन आएगा। रात में लगा कि थोड़ा पानी आया है जो सुबह तब चला जाएगा लेकिन स्थिति भयावह हो गई। अपार्टमेंट में आधे से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। हम भी रिश्तेदार के घर जा रहे हैं।

- अजय कुमार सोनी

अंदाजा ही नहीं था कि इस कदर गंगा का पानी अपार्टमेंट में आ जाएगा। सुबह बच्चों को स्कूल नहीं भेजा और किसी तरह से यहां से निकले। प्रशासन ने गलती की है। न तो पहले से कोई अलर्ट था और न ही बाढ़ के बाद कोई प्रयास। नाला का गेट बंद किया गया होता तो शायद ऐसी दिक्कत नहीं होती।

- कात्यायनी

घाटों के किनारे हालात बेकाबू

गंगा के किनारे स्थित घाटों की भी हालत बेकाबू है। शुक्रवार रात से पलायन होने लगा था। शनिवार दोपहर तक पूरा इलाका खाली हो गया। गृहस्थी के साथ जानवरों को लादकर लोग नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। एनआइटी की चहारदीवारी से सट कर तेज गति से बह रही गंगा चहारदीवारी को पार करने के लिए जोर मार रही थी। स्थिति को देखते हुए एनआइटी होकर गांधी घाट जाने वाले रास्ते पर बैरीकेटिंग कर खतरनाक घाट का बोर्ड लगा दिया गया है।

स्थिति देखते हुए सेना अलर्ट

राजधानी के साथ प्रदेश के अन्य कई जिलों में भी हालात नाजुक हैं। बक्सर से भागलपुर तक गंगा धीरे-धीरे बेकाबू होने लगी थी। आरा जिले के कोइलवर व बड़हरा के लोग भी मुश्किल में हैं। स्थिति नाजुक है। सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो जवानों की मदद ली जाएगी।

मुख्य सचिव ने की आपात बैठक

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने संबंधित विभागों के साथ आपात बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री कुमार खुद भी नजर रख रहे हैं। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को प्रभावित इलाकों में मुस्तैद कर दिया गया है। चेन्नई से एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टुकडि़यां मंगाई गई है।