-बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई में एसपी, डीटीओ, एमवीआई, एसडीओ व सीओ फेल

PATNA: बालू के अवैध खनन रोकने में फेल 2 एसपी व डीटीओ समेत करीब 18 अफसर नप गए हैं। इनमें भोजपुर और औरंगाबाद के एसपी, पटना और औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) और रोहतास के डेहरी के एसडीओ शामिल हैं। इसके अलावा भोजपुर, पटना और गया के मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) को भी हटाया गया है। गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी की है। ये अफसर जिन जिलों में पदस्थापित थे, वहां बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई से सरकार संतुष्ट नहीं है।

मुख्यालय में रिपोर्ट तलब

गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका और भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दुबे को पद से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। राकेश दुबे अश्वारोही विशेष सशस्त्र पुलिस, आरा के अतिरक्ति प्रभार में भी थे। उनसे यह प्रभार भी ले लिया गया है।

एसडीओ को 48 घंटे का समय

सामान्य प्रशासन विभाग ने पटना के डीटीओ पुरुषोत्तम और औरंगाबाद के डीटीओ व रोहतास डीटीओ के अतिरिक्त प्रभार में रहे अनिल सिन्हा को सामान्य प्रशासन विभाग में रिपोर्ट करने को कहा है। इसके अलावा रोहतास के डेहरी के अनुमंडल पदाधिकारी सुनील सिंह को भी पद से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग बुला लिया गया है। पदाधिकारियों को सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।

ईओयू की जांच के बाद कार्रवाई

आठ अफसरों को पद से हटाए जाने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि बालू का अवैध खनन रोकने में फेल रहे। पिछले दिनों आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बालू खनन में करीब आधा दर्जन जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की भूमिका की जांच की थी। इसमें थानाध्यक्ष, डीटीओ से लेकर एसपी स्तर तक के अफसरों की सूची बनाई गई थी। माना जा रहा है कि इसी सूची के आधार पर कार्रवाई की गई है।

रोक के बावजूद बालू उत्खनन

परिवहन विभाग ने जारी आदेश में भोजपुर के एमवीआइ विनोद कुमार को अवैध बालू खनन मामले में दोषी पाया है। आदेश में कहा गया है कि गृह विभाग ने अपनी रिपोर्ट में ठीकेदार द्वारा एक मई से बालू उत्खनन का काम बंद किए जाने के बावजूद कुछ जगहों पर अवैध ढंग से उड़ाही की शिकायत की थी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से इसकी जांच कराई गई, जिसमें भोजपुर के एमवीआइ विनोद कुमार को अवैध उत्खनन में सहयोगी माना गया। इसके बाद इनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई जो संतोषजनक नहीं पाया गया। ऐसे में विनोद कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। इसके अलावा पटना के एमवीआइ कुमार विवेक और गया के एमवीआइ मृत्युंजय कुमार सिंह को भी तत्काल प्रभाव से पद से मुक्त करते हुए परिवहन विभाग मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है।