आतंकियों और उग्रवादियों के लिए राजधानी सेफ जोन बनता जा रही है। स्वतंत्रा दिवस से मात्र पांच दिन पहले पटना में उग्रवादियों के होने की सूचना से हड़कंप मच गया। नेपाल के रास्ते भागकर पटना आए उल्फा के तीन उग्रवादियों को पटना पुलिस ने मणिपुर पुलिस की सहयोग गिरफ्तार कर लिया है। इंफाल जिले के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में वांछित थे। उग्रवादियों की पहचान 38 वर्षीय सपन कनगलीपाल (नोमदा बागारेश्वर, लमलाही, इंफाल ईस्ट), 33 वर्षीय वाहिवम थैये (वेवीगई तारापिस्टकर, श्यामलग, ककचमी, मणिपुर) और 27 वर्षीय रोशन सिंह (वुमल लेकर, परोमपा, इंफाल ईस्ट) के रूप में हुई है। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके पास से मोबाइल, कांबैट ड्रेस और नकदी बरामद की।

नेपाल से पीछे लगी थी पुलिस

इंफाल पुलिस की मदद से पटना पुलिस ने तीनों उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, इंफाल पुलिस को पहले सूचना मिली थी कि ये लोग नेपाल गए हुए हैं। इंफाल के एएसपी टीम की मॉनीटरिग कर रहे थे। तभी टीम को उग्रवादियों के नेपाल में होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश दी तो मालूम हुआ कि वे निकल चुके हैं।

मोबाइल रिचार्ज से खुली पोल

मणिपुर पुलिस ने जब वहां पर आसपास की दुकानों में उल्फा उग्रवादियों के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने भारत के मोबाइल नंबर को रिचार्ज कराया था। उनके पास साधारण सेलफोन हैं। मणिपुर पुलिस की टीम ने अपने एएसपी को एक उग्रवादी का मोबाइल नंबर भेजा। एएसपी ने उसे सर्विलांस पर रख लिया और उग्रवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने लगे।

एएसपी खुद आ गए पटना

मणिपुर पुलिस को जब उन्हें पता चला कि वे पटना पहुंचने वाले हैं और जंक्शन से ट्रेन से कोलकाता जाएंगे तो मणिपुर के एएसपी टीम के साथ गुरुवार को फ्लाइट से यहां आ गए। उन्होंने डीएसपी (विधि-व्यवस्था) डॉ। राकेश कुमार से सहयोग मांगा।

पटना जंक्शन पर हुई घेराबंदी

उग्रवादियों की पहचान के लिए कोतवाली थाने की पुलिस के साथ मणिपुर पुलिस की टीम भी पटना में घूम रही थी। पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर कोलकाता के लिए ट्रेन आने वाली थी तब पटना के साथ मणिपुर पुलिस की टीम भी वहां मौजूद थी। तीनों उग्रवादी एक कोने में ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। तभी अजहर की नजर सपन से मिल गई। तब तीनों प्लेटफॉर्म के पश्चिमी छोर की तरफ तेजी से चलने लगे। यात्रियों में भगदड़ नहीं मच जाए, इसलिए मणिपुर पुलिस भी उनके पीछे चलने लगी। इधर, कोतवाली पुलिस भी जंक्शन से बाहर निकलकर पटरी के समानांतर चल रही थी।

दीवार फांदते ही पुलिस ने पकड़ लिया

हार्डिग रोड तक उग्रवादी पटरी के किनारे चलते हुए आए और जैसे ही दीवार फांदकर सड़क पर पहुंचे तभी कोतवाली थाने की पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। प्रारंभिक पूछताछ में उग्रवादियों ने बताया कि वे पटना में एक दिन भी नहीं रुके। कोलकाता के रास्ते मणिपुर लौटने का उनका प्लान था।

रिमांड पर मणिपुर ले गई पुलिस

गिरफ्तार आरोपियों की जब पुलिस ने तलाशी ली तो उनके पास से मोबाइल, कांबैट ड्रेस और नकदी बरामद हुई। कोतवाली थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने उग्रवादियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर मणिपुर पुलिस उन्हें साथ लेकर रवाना हो गई।