- 134 मृतक आश्रितों को अब तक मिला अनुदान का चेक

- 42 को शिविर के माध्यम से प्रशासन ने दिया चेक

PATNA :

पटना में अब तक कोरोना से 340 लोग मौत का शिकार हो चुके हैं, लेकिन मुआवजा हासिल करने वालों की संख्या सिर्फ 134 है, जिसमें 32 लोगों को शनिवार को चेक दिए गए हैं। भले सरकार के पास मृतक का पूरा डाटा उपलब्ध है, लेकिन मुआवजे के लिए आश्रित की ओर से क्लेम करना भी जरूरी है। एक जानकारी के मुताबिक अभी तक बहुत कम लोगों ने क्लेम किया है, जिसमें 134 क्लेम फाइनल हो गए हैं। कुछ फाइलों पर आपत्ति भी लगी है।

डीएम ने दिए चेक

पटना के डीएम कुमार रवि ने कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से चेक प्रदान किया। यह कार्यक्रम हिंदी भवन सभागार में आयोजित किया गया जिसमें डीएम ने कुल 32 मृतक के निकटतम परिजन को चार चार लाख का चेक वितरित किया। उन्होंने पीडि़त परिवार के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना प्रकट की।

अविलंब निस्तारण के निर्देश

डीएम कुमार रवि ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं सभी अंचलाधिकारी को कोविड-19 से मृत व्यक्ति के आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह अनुदान संबंधी चार लाख का चेक शिविर के माध्यम से अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस अवसर पर अपर समाहर्ता आपदा मृत्युंजय कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी पटना सिटी मुकेश कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार और सभी अंचलाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

क्लेम करना जरूरी

कोरोना से भले ही लगभग 95 प्रतिशत मौत सरकारी अस्पतालों में ही हुई है लेकिन मरने वाले पेशेंट के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान ऑटो मोड में नहीं मिलेगा। इसके लिए मृतक के परिजनों को क्लेम करना अनिवार्य है। इस बात की पुष्टि पटना सिविल सर्जन कार्यालय से भी की गई है। वहीं, डीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सभी ने क्लेम भी नहीं किया है। इसलिए वैसे सभी परिजन जिनके परिवार में कोरोना से किसी की मौत हुई है, उन्हें क्लेम करना अनिवार्य है।

तीन जानकारी जरूरी

वैसे परिजन जिन्हें कोरोना के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करनी है उनहें सभी आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य है। इसमें तीन प्रमुख बातें हैं। इस बारे में पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि डॉक्यूमेंट के तौर पर डेथ की सर्टिफिकेट, सरकार के पोर्टल पर उसके बारे में जानकारी और मृतक की आईडी होनी चाहिए। कुछ पेशेंट की मौत प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना से हुई है। लेकिन उनके हॉस्पिटल रिपोर्ट में डेथ की बजाय डिस्चार्ज लिखा है। ऐसे मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए परेशानी हो रही है।

सभी को मिलेगा मुआवजा

डीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वैसे सभी पेशेंट जिनकी मौत कोरोना से हुई है, उन सभी को मुआवजा दिया जाएगा। यदि किसी पेशेंट को इसके साथ बीपी, डायबिटिज आदि भी बीमारी रही हो, तो इसके बाद भी उनकी अनुग्रह राशि प्राप्त करने की पात्रता बनी रहेगी।

कोट

कोरोना से मौत के उपरांत उनके करीबी परिजनों को अनुग्रह अनुदान दिया जा रहा है, जिन्हे अब तक यह नहीं मिला है उस काम में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को दिशा- निर्देश दिए गए हैं।

- कुमार रवि डीएम पटना

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सबसे ज्यादा पटना सदर

अनुमंडल- मृतक आश्रित

पटना सदर - 81

दानापुर - 19

पटना सिटी - 19

बाढ़ -6

मसौढ़ी - 7

पालीगंज - 2

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बिहार में कोरोना की स्थिति

1.20 लाख कोरोना टेस्ट 12 दिसंबर को बिहार में किए गए

596 लोग पॉजिटिव मिले 1.20 लाख कोरोना टेस्ट में

575 लोग कोरोना पेशेंट्स शनिवार को हो गए स्वस्थ

2.36 लाख से अधिक लोग अब तक कोरोना को दे चुके हैं मात

97.30 फीसदी संक्रमित अब तक हो चुके हैं स्वस्थ

1.61 करोड़ से ज्यादा टेस्ट किए पिछले 10 माह में

इसमें आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन दोनों हैं शामिल

1.50 फीसदी नतीजे पाए गए हैं पॉजिटिव

2.42 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं 10 महीने में

5241 एक्टिव मरीज रह गए हैं बिहार में

1317 लोग कोरोना के चलते हो गई हैं मौत

5 लोगों की मौत 12 दिसंबर को की गई है दर्ज

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वैक्सीन रखने को दिए जाएंगे आईएलआर

राज्य ब्यूरो, पटना : कोरोना टीके को सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचाने की विस्तृत कार्य योजना का खाका करीब-करीब तैयार है। कोल्ड चेन की जहां क्षमता बढ़ाई जा रही है वहीं ब्लॉक स्तर पर वैक्सीन को सुरक्षित रखने की योजना पर भी राज्य स्वास्थ्य समिति कार्य कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के सभी ब्लॉक को एक से दो आइएलआर (आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर) देने पर भी मंथन चल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से बिहार को फिलहाल तकरीबन 39 आइएलआर मुहैया कराए गए हैं जबकि और आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर की मांग की गई है।