-बीपीएससी ने जारी किया 1240 सहायक अभियंता का परिणाम, 369 महिलाएं चयनित

- दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवार नहीं होने के कारण 17 पद रह गए खाली

PATNA: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने राज्य के विभिन्न विभागों में 1240 पदों पर सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए बुधवार को परिणाम जारी कर दिए। अभियंताओं के 1257 पद रिक्त हैं। दिव्यांग श्रेणी में उम्मीदवारों के अभाव में 17 पद खाली रह गए हैं। महिलाओं का दबदबा रहा। 1240 पदों में से 369 पदों पर महिलाओं ने कब्जा जमाया है। सहायक अभियंता (असैनिक) के लिए बीपीएससी ने 2017 में आरंभिक परीक्षा आयोजित की थी। पीटी के कुछ प्रश्न को लेकर परीक्षार्थी कोर्ट चले गए थे। फैसला बीपीएससी के पक्ष में आया था।

आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि 24 जनवरी को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था। इसके बाद 3107 सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। फरवरी से अप्रैल तक साक्षात्कार आयोजित किया। इसमें 75 अभ्यर्थी संक्रमित मिले। उनका साक्षात्कार जून में लिया गया। सबसे अधिक जल संसाधन विभाग में 284, योजना एवं विकास विभाग में 270 पद, ग्रामीण कार्य विभाग में 250 पद, पथ निर्माण विभाग में 236 पद निर्धारित हैं। सबसे कम पद लघु जल संसाधन विभाग में महज 31 हैं।

369 महिलाएं बनीं सहायक अभियंता :

आयोग द्वारा 1240 पदों के परिणाम में विभिन्न विभागों के लिए 369 महिलाओं का सहायक अभियंता के रूप में अंतिम चयन किया गया। इसमें सामान्य कोटि में 702, अनुसूचित जाति कोटि 147, अनुसूचित जनजाति कोटि में 04, अत्यंत पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 230, पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 92, पिछड़े वर्ग की महिलाओं की श्रेणी में 65 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।

बक्सर के रंजन किशोर टॉपर

बिहार लोक सेवा आयोग की सहायक अभियंता परीक्षा में बक्सर के नावानगर प्रखंड के भदार गांव निवासी रंजन किशोर ने पहला स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। 2017 में उन्होंने आवेदन किया था। 2018 में परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में अव्वल रहे.रंजन किशोर के पिता राज किशोर सिंह दानापुर में सहकारिता पदाधिकारी हैं। पूरा परिवार पटना में रहता है। गांव में चाचा तथा अन्य स्वजन रहते हैं। रंजन किशोर बताते हैं कि इस सफलता में पिता राज किशोर सिंह तथा माता उर्मिला देवी की प्रेरणा रही। रंजन किशोर ने समस्तीपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद संत माइकल स्कूल, पटना से प्लस टू एवं बाद में जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता से आगे की पढ़ाई की। 2018 में इंजीनिय¨रग में स्नातक होने के बाद तैयारी शुरू कर दी। रंजन ने बताया कि तैयारियों के दौरान ही वह टाटा प्रोजेक्ट तथा बाद में बीएचइएल में नौकरी करने लगे। नौकरी के दौरान भी तैयारी जारी रखी।