पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में एडमिशन 15 जुलाई को ही समाप्त हो जाने थे। लेकिन, तीन कॉलेजों के स्पेशल रिक्वेस्ट पर सिर्फ उनके लिए डेट को 22 जुलाई तक एक्सटेंड किया गया। हालांकि इस दौरान वाणिज्य महाविद्यालय ने अपनी पीठ सबसे पहले सीधी कर ली और अनाउंस कर दिया कि 'सीटें फुल, एडमिशन क्लोज'। कोटा वाले एडमिशन भी हो गए। प्रोसीजर भी फॉलो हुए और कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने दावा किया कि सभी एडमिशन नियमों को ध्यान में रख कर लिये गए हैं। लेकिन, शनिवार को यह दावा खोखला दिखने लगा।

'बैक डोर एंट्री' पर पंच

पीयू के डिफरेंट कोटे में एडमिशन 'बैक डोर एंट्री' का आसान रास्ता रहा है। एक बार फिर स्पोट्र्स कोटे के तहत एडमिशन इश्यू पर यह बात सामने आई है। मामला है वाणिज्य महाविद्यालय में स्पोट्र्स कोटे के तहत एडमिशन का। इस पर कई स्टेट और नेशनल लेवल प्लेयर्स ने उंगली उठाई है। वाणिज्य महाविद्यालय में एडमिशन के लिए कई स्टेट और नेशनल लेवल प्लेयर्स ने अप्लाई किया था, लेकिन एडमिशन क्लोज होने पर इनमें से आधा दर्जन से अधिक प्लेयर्स ने कॉलेज और पीयू एडमिनिस्ट्रेशन पर धांधली का आरोप लगाया है।

प्लेयर्स को नहीं मिला मौका

वैसे तो पीयू में स्पोट्र्स कोटे में सिर्फ उन्हीं का एडमिशन होता है, जो किसी गेम के रिकग्नाइज्ड प्लेयर हों। वाणिज्य महाविद्यालय में स्पोट्र्स कोटे से अप्लाई करने वाले स्टेट और नेशनल लेवल प्लेयर्स को भी एडमिशन नहीं मिल सका है। कबड्डी, टेबल टेनिस, खोखो, क्रिकेट, एथलेटिक्स के आधा दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं मिल सका है, जबकि इन प्लेयर्स का कहना है कि एडमिशन कमेटी ने मनमानी की है। मामला वीसी प्रो सुदीप्तो अधिकारी के पास पहुंचा। इस पर प्रो अधिकारी ने मामले की जांच का जिम्मा डीएसडब्ल्यू प्रो पीके पोद्दार को दे दिया है।

इनकी है शिकायत

* निशांत चंद्रा - टेबल टेनिस नेशनल लेवल प्लेयर

* सर्वेश हंसराज - स्टेट लेवल अंडर 19 क्रिकेट प्लेयर

* ज्योनिता - स्टेट लेवल खोखो प्लेयर

* कुलदेव - नेशनल लेवल कबड्डी प्लेयर

* सीताराम - नेशनल एथलिट

* विनय कुमार - स्टेट लेवल अंडर 19 क्रिकेट प्लेयर

* रौनक गुप्ता - नेशनल लेवल बास्केट बॉल प्लेयर

* राहुल कुमार - स्टेट लेवल क्रिकेट प्लेयर

* फातिमा - नेशनल एथलिट

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