बाइकर्स पर पुलिस नजर रख रही
पुलिस सोर्सेज की मानें तो इसको लेकर एक ड्राइव चलाया जा रहा है। जिसमें ऐसे बाइकर्स पर पुलिस नजर रख रही है। जो इस गैंग के मेंबर हैं वो मौत की रफ्तार के नाम पर जान की बाजी लगाने से भी नहीं चूकते हैं। इनकी वजह से सड़क पर चलते हुए कई लोगों की जान भी चली जाती है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाता है। इस गैंग में शामिल यूथ वीक में तीन दिन अपना दांव अपनी बाइक पर लगाते हैं। स्पीड को फन मानने वाले इन बाइकर्स के सामने पहले पहुंचने की जल्दी इतनी रहती है कि एक से दो किलोमीटर की रफ्तार के बीच ब्रेक तक नहीं मारते हैं। ऐसा गैंग के मेंबर पैसे के लिए करता है और फिर जीत के उन पैसों से जमकर पार्टी
चलती है।

वीक में तीन दिन की रफ्तार
शुक्रवार, शनिवार और रविवार की रात शहर की सड़कों पर लगती है मौत की बाजी। इसमें एक गैंग के मेंबर्स के बीच गेम होता है या फिर दो गैंग के बीच भी इस मौत के खेल को खेला जाता है। इस गेम से ताल्लुक रखने वाले मानते हैं कि इसमें दूसरे गैंग से कांपटीशन होने पर अधिक खतरनाक बन जाता है। क्योंकि इसमें दांव पर गैंग का नाम और पचास हजार रुपए तक लगे होते हैं। हारने वाले गैंग को पूरा पैसा देना पड़ता है और फिर उस गैंग के मेंबर्स के आगे से गाड़ी तेजी से नहीं निकाल सकते हैं।

दिन से लेकर रात तक का सफर
बेली रोड में पटना जंक्शन, तारामंडल से इस गेम की शुरुआत होती है। पहले इसकी बाजी दोपहर में लगती थी। लेकिन एक महीने से अब यह रेस रात आठ बजे के बाद शुरू होता है। लेकिन ड्रिंक करने के बाद बाइकिंग करने की वजह से इस दौरान आम लोगों को इन लोगों से नुकसान पहुंचता है। फिर भी इन्हें इसकी कोई फिक्र नहीं रहती है। फिलहाल शहर के हर एरिया में ऐसे यूथ ने अपना गैंग बना रखा है। ब्लेड गैंग, पेट्रोल गैंग, माइंस गैंग, रॉकर्स गैंग, तलवार गैंग की स्पीड काफी रहती है। इसकी पहचान उनकी गाडिय़ों के लोगो से होती है। फिलहाल ऐसे बाइकर्स की गाडिय़ों पर पुलिस की नजर रहती है। एसएसपी अमृत राज ने बताया कि जल्द ही ऐसे गैंग पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए हर एरिया के थाने को एलर्ट कर दिया गया है।

स्पीड है तो रिस्क जरूरी
इस तरह के गैंग के मेंबर्स का टैग लाइन रहता है स्पीड और रिस्क। अगर आपके पास यह 'हुनरÓ है तो फिर आप गैंग के मेंबर बन सकते हैं। अगर नहीं है तो फिर गैंग में आपके लिए कोई जगह नहीं है। इस गैंग की एक और खासियत है कि मेंबर की बाइक छह महीने में बदलती रहती है। हाई स्पीड की बाइक के दीवानों के आगे शहर की सारी गाड़ी पीछे रह जाती है।

पैसे की खातिर जान की बाजी
स्पीड गेम में 2551 से लेकर आठ हजार रुपए तक का चैलेंज लगता है। यह चैलेंज इंटरनल होता है। जबकि दूसरे गैंग से चैलेंज लगाने पर चालीस से पचास हजार की बाजी लगती है। बेली रोड पर डेस्टिनेशन सगुना मोड़ रहता है। मोइनुलहक स्टेडियम और बाइपास मोड़ पर बाइकर्स की स्पीड खत्म होती है।

गर्लफ्रेंड के गिफ्ट की बात है
इस गेम की खासियत है कि इससे मिलने वाले पैसे बाइकर्स अपनी मस्ती पर खर्च करते हैं। ड्रेस और गर्लफ्रेंड के लिए गिफ्ट को लेकर बाइकर्स अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। हारने वाला इसमें अगला दांव दूसरे दिन लगाने से पीछे नहीं हटता है।

नंबर प्लेट है पहचान
बाइक के पीछे अगर आग का निशान है तो वो पेट्रोल गैंग की पहचान है। इसी तरह विस्फोट माइंस गैंग, ब्लेडनुमा नंबर प्लेट ब्लेड गैंग, खोपड़ी की आकृति रॉकर्स गैंग, नंबर प्लेट के पास तलवार का मतलब यह तलवार गैंग की पहचान है। ये गैंग अपने हिसाब से हर एरिया को रिप्रेजेंट करता है।