क्कन्ञ्जहृन्: सूबे के निजी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन को लेकर आए दिन धांधली की खबरें सुर्खियां बना करती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि प्रदेश सरकार ने नामांकन पर्यवेक्षण समिति गठित कर दी है, जो स्वच्छ एवं पारदर्शी नामांकन सुनिश्चित करेगी। इसके बाद किसी भी प्राइवेट मेडिकल, डेंटल, इंजीनिय¨रग एवं तकनीकी कॉलेजों में दाखिले में हेराफेरी की गुंजाइश नहीं रहेगी। सोमवार को समिति के लिए नौ पद सृजित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई। समिति के अध्यक्ष पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अमरेश कुमार लाल बनाए गए हैं। बाकी के आठ सदस्य संविदा के आधार पर बहाल किए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

मालूम हो कि सरकार के दिशानिर्देश की अनदेखी करते हुए प्राइवेट चिकित्सा, अभियंत्रण, दंत एवं तकनीकी कॉलेजों पर हमेशा दाखिले लेने आरोप लगते रहते हैं। इसके खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दाखिले में धांधली पर अंकुश लगाने को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक नामांकन पर्यवेक्षण समिति गठित करने का निर्देश दिया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा 5 जनवरी 2016 को रिटायर्ड जज अमरेश कुमार लाल को समिति का अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही समिति के शेष आठ पद सृजित करने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन को भेज दिया गया। सोमवार को सामान्य प्रशासन द्वारा समिति के सभी नौ पद सृजित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई।