पटना (ब्यूरो)। एम्स पटना 18 से 20 जनवरी के बीच ड्रोन से अपने ग्रामीण सेंटर नौबतपुर रेफरल अस्पताल दवा भेजेगा व वहां से पैथोलाजिकल सैंपल जांच के लिए मंगवाएगा। स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ङ्क्षसह ने नौबतपुर अस्पताल में सभी तैयारियां करने के लिए शुक्रवार को सिविल सर्जन पटना को निर्देशित किया है। बताते चलें कि इसके पूर्व 30 दिसंबर को एम्स पटना प्रबंधन ने अपने स्तर पर सीमित उड़ान का प्रदर्शन किया था। इस ड्रोन की उड़ान घना कोहरा होने पर कम हो जाती है। इस क्रम में ड्रोन 15 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।

स्वास्थ्य सचिव के पत्र के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 18 से 20 जनवरी के बीच ड्रोन टेक्नोलाजी के द्वारा एम्स पटना से स्पोक सेंटर रेफरल अस्पताल नौबतपुर तक दवाएं व वहां से जांच के लिए सैंपल सैंपल मंगवाने का प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है। इसके लिए एम्स पटना के डा। संजय पांडेय को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। सिविल सर्जन डा। संजय पांडेय से समन्वय कर आवश्यक तैयारियों के लिए नौबतपुर रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी को निर्देशित करेंगे। बताते चलें कि यह परीक्षण केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ड्रोन प्रोजेक्ट का हिस्सा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री डा। मनसुख मंडाविया की देखरेख में सभी आइएनआइ में इसे क्रियान्वित किया जा रहा है।

दूरदराज इलाकों में सुधरेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं

चिकित्सा क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में संचालित अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों को मेडिकल कालेजों व अन्य उच्च संस्थानों से सम्बद्ध किया है। ऐसे में यदि टेलिमेडिसिन में उपचार के बाद किसी मरीज को तुरंत जीवनरक्षक दवाओं की जरूरत होगी तो उन्हें यहां से भेजा जा सकेगा। इसके अलावा यदि उन क्षेत्रों में कोई महामारी दस्तक देती है तो तुरंत वहां से सैंपल मंगवाकर अत्याधुनिक प्रयोगशाला-वायरोलाजी, मालीक्यूलर जेनेटिक लैब में जांच कर रोग की पहचान कर उसका त्वरित ढंग से निदान किया जा सकेगा।