सीता के रूप में कैसा लग रहा है?

बिहार की धरती सीता की है और मैं भी बिहार की ही हूं। ऐसे में उनके कैरेक्टर को जीना मेरे लिए एक सुखद अहसास है। मैं तो खुद को इसके लिए लकी समझती हूं।

दीपिका के बाद सीता के रोल को किस रूप में लेती हैं?

दीपिका जी ने तो इस रोल को एक बेंचमार्क दिया है। उनसे तुलना करना ही मैं अनफेयर मानती हूं। हां, इतनी तो जरूर इच्छा है कि लोग हमें टाइम दें। पहले की तरह तो अब लोग भी वैसे नहीं हैं कि मेरी पूजा करेंगे। अब लोग अवेयर हो गए हैं।

कैसे मिला यह रोल?

मैं 'पुनर्विवाह' सीरियल कर रही थी। यह 'रामायण' की शूटिंग के करीब दो महीने पहले की बात है। रात में फोन आया और नेक्स्ट डे मुझे बुलाया गया। टेस्ट हुआ और फिर दूसरे दिन ही फोन पर बताया गया कि आप अभी कोई और सीरियल साइन मत करना। फिर मुझे 'रामायण' की सीता का मनपसंद रोल ऑफर किया गया।

आगे की क्या प्लानिंग है?

अभी तो 'रामायण' में ही लगी हूं। इस समय भी मैं बड़ोदरा में इसकी शूटिंग का मजा ले रही हूं। मेरी पूरी टीम मेरे साथ है (जोर से हंसते हुए), इसके बाद तो कुछ महीने आराम करूंगी। फिर देखा जाएगा। पटना भी आने का प्लान है, देखिए कब आती हूं।

पटना की याद आ रही है?

बिल्कुल। मैं तो पटना में ही पली बढ़ी हूं। नाना जी के यहां राजेन्द्र नगर में रहती थी। वैसे अब इस रोल के मिलने के बाद नाना जी (पद्मश्री सियाराम तिवारी) का नाम भी ले सकती हूं। पहले तो हिम्मत ही नहीं होती थी। वे दरभंगा घराने के बड़े गायक हैं। अब कुछ अच्छा लगता है। मैंने कंकड़बाग के सेंट जोसेफ हाई स्कूल से स्कूलिंग के बाद पटना वीमेंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई की।

In conversation with Rajan Anand