- दो किलोमीटर रेंगने के बाद एनआईटी मोड़ से एंबुलेंस पीएमसीएच की ओर रवाना

- नाला के निकले शिल्ट को सड़क पर हाइवा खड़े कर रोबोट से उठाते रहे निगम कर्मी

PATNA :

व्यवस्था की खामियों का खामियाजा गुरुवार को अशोक राजपथ पर जाम में घंटों फंसे रहे लोगों को भुगतना पड़ा। स्कूली बसों के कारण दोपहर में लगे भीषण जाम के बीच फंसी एंबुलेंस पर सवार मरीज तड़पता रहा। पत्थर की मस्जिद, सुलतानगंज से लेकर महेन्द्रू तक करीब दो किलोमीटर दूरी तक बस तथा अन्य वाहनों के पीछे-पीछे एंबुलेंस रुकी और रह-रह कर रेंगती रही। लगातार सायरन बजने से आगे के वाहन चालक चाह कर भी अपने वाहन को किनारे कर एंबुलेंस को निकलने की जगह नहीं दे पा रहे थे। इस बीच मरीज की हालत बिगड़ती रही। साथ बैठे स्वजन बेबस बने परेशान होते रहे। मरीज की नब्ज पर लोग हाथ रखे थे। रेंग रहे वाहनों के साथ स्कूली बस जब एनआइटी मोड़ के समीप चौड़े मार्ग पर पहुंची तब एंबुलेंस लेकर चालक तेज रफ्तार से पीएमसीएच की ओर भागा। एंबुलेंस से परिजन की चीख-पुकार सुनाई देने लगी थी।

अशोक राजपथ पर जाम की समस्या मुख्य मार्ग पर नमामि गंगे के तहत पाइप बिछाने और मेनहोल बनाने के बाद छोड़े गए गड्ढों से गंभीर हुई थी। अशोक राजपथ के दोनों किनारे महेन्द्रू में नाला की सफाई कर निकाला गया सिल्ट पसरा था। महेन्द्रू पड़ाव के समीप दोपहर में निगम का हाइवा बीच सड़क पर खड़ा कर छोटे रोबोट से सिल्ट उठाने का काम बेहद आराम से जारी था। यहां स्कूली बस के फंस जाने से पीछे का जाम भीषण रूप से चुका था। इसी जाम में एंबुलेंस फंसी थी। अधिकांश दोपहिया वाहनों ने गलियों का रास्ता पकड़ा। वाहनों को नियंत्रित कर लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए एक भी पुलिस कर्मी अशोक राजपथ पर कहीं नजर नहीं आयी।