- पुलिस भी नहीं करती ऑटो की जांच

-50 हजार से अधिक ऑटो है पटना में।

- 17 हजार से अधिक ऑटो का नहीं हुआ वेरिफिकेशन

- 13 हजार ऑटो चल रहे हैं पटना में

- 4 हजार ऑटो ग्रामीण इलाके में चल रहे

PATNA :

पटना में रात में चल रहे ऑटो ड्राइवर पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं। ऑटो ड्राइवर रात में सुनसान रास्ता देखकर पैसेंजर्स को लूट लेते हैं। शनिवार की रात चिरैयाटांड़ पुल पर ऑटो ड्राइवर अपने साथियों के साथ मिलकर लूट के दौरान एक महिला की आंख में गोली मारकर हत्या कर दी। इससे पहले भी ऑटो ड्राइवर ने रात में लूट की कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं। लूट और छिनैती की बढ़ती वारदात को देखते हुए वर्ष 2012 में सभी ऑटो का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया था। लगभग छह साल बाद वर्ष 2018 में पुलिस वेरिफिकेशन का काम बंद हो गया। तब से आज तक ऑटो का पुलिस वेरिफिकेशन ठप पड़ा हुआ है।

फिर शुरू होगा वेरिफिकेशन

चिरैंयाटाड़ पुल पर महिला यात्री की लूट के दौरान हत्या के बाद बीते सोमवार की देर रात प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और आईजी सेंट्रल संजय सिंह ने पटना की सड़कों पर घूम-घूमकर सुरक्षा का जायजा लिया। इस दौारन प्रमंडलीय आयुक्त ने पुलिस को निर्देश दिया कि रात में चलने वाले ऑटो का वेरीफिकेशन करें। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में पेट्रोलिंग नियमित रूप से करें।

पटना जंक्शन और मीठापुर ठिकाना

पैसेंजर्स के साथ लूट की वारदात को अंजाम देने वाले ऑटो ड्राइवर पटना जंक्शन और मीठापुर बस स्टैंड को अपना ठिकाना बना रखा है। इसी वर्ष 7 जुलाई, 2020 को कोतवाली थाने की पुलिस ने पैसेंजर को लूटने वाले दो ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया था कि पटना जंक्शन और मीठापुर बस स्टैंड से ऑटो में पैसेंजरर्स को बैठाते थे और सुनसान इलाके में लूट लेते थे।

रहें सतर्क

पुलिस ने बताया कि पैसेंजर्स को रात में सतर्क रहने की जरूरत है। रात में बस स्टैंड और पटना जंक्शन के पास लूट को अंजाम देने वाले ऑटो और कैब ड्राइवर झांसे में लेकर बैठा लेते हैं। आगे ले जाकर लूट लेते हैं। उन्होंने बताया कि ऑटो और कैब में पहले से पैसेंजर के रूप में अपराधी बैठे रहते हैं। मौके देखते ही पैसेंजर को लूट लेते हैं।

बिना परमिट दौड़ रहे ऑटो

राजधानी में कई ऑटो बिना परमिट के ही चल रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के परमिट पर शहरी क्षेत्र में ऑटो चल रहे हैं। लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सुस्त रवैए से ऑटो की चेकिंग नहीं हो पाती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से न तो ऑटो का परमिट और न ही ड्राइवर का लाइसेंस चेक किया जाता है।

यहां होती है ज्यादा वारदात

राजीव नगर

राजेंद्र नगर

पटना सिटी

मीठापुर

करबिगहिया

ड्राइवर का वेरिफिकेशन नहीं

पटना के प्रभारी एसएसपी ने बताया कि पुलिस ऑटो मालिक का वेरिफिकेशन करती है। ऑटो मालिक को खुद ड्राइवर का वेरिफिकेशन करने बाद चलाने के लिए देना चाहिए। पुलिस ऑटो का परमिट चेक नहीं करती है।

सदस्यों का रखते हैं रिकॉर्ड

महानगर ऑटो चालक संघ, बिहार पटना के महासचिव राजेश चौधरी ने बताया कि यह असंगठित क्षेत्र है। जो हमारे संघ के सदस्य हैं, उन्हीं का हमलोग रिकॉर्ड रखते हैं। संघ से जुड़े ऑटो ड्राइवर पर हमलोग नजर रखते हैं। स्थिति यह है कि कहीं से भी कोई आकर पटना में ऑटो चलाने लगता है।