- परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने किया इनॉगरेशन, पटना में भी जल्द बनेगा ट्रैक

PATNA: बुधवार को बिहार का पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का इनॉगरेशन औरंगाबाद में परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने किया। इसके बाद पटना में दूसरा ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक शुरू किया जाएगा। मुजफ्फरपुर में भी टेस्टिंग ट्रैक बनाने की प्लानिंग है।

समय की होगी बचत

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कुशल लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के उद्देश्य से ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया जाएगा। फिलहाल लाइसेंस जारी करने से पहले ड्राइविंग टेस्टिंग की प्रक्रिया मैनुअल है। नई व्यवस्था में टेस्ट का रिजल्ट तुरंत आ जाएगा और समय की भी बचत होगी।

8 जैसे ट्रैक पर कंप्यूटर से मॉनिटरिंग

फुलवारी का ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का आकार अंक '8' की तरह होगा। इसमें जगह-जगह कैमरे लगे होंगे। ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए यूज किए जाने वाले वाहन में भी मोबाइल कैमरा रहेगा। सभी कैमरे और मशीनें कंप्यूटर से जुड़े होंगे। कैमरे पर लिए गए चित्र को कंप्यूटर पर देखते हुए ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी। ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर कैंडिडेट को सीट बेल्ट, लेन ड्राइविंग, स्टॉप लाइन, पाìकग, रिवर्स, आदि यातायात नियमों का पालन भी करना होगा। हर स्टेप के लिए अलग-अलग समय और अंक निर्धारित होगा। निर्धारित मानक के अनुसार ड्राइविंग करने पर ही अंक मिलेगा और टेस्ट में पास हो सकेंगे।

फुलवारीशरीफ स्थित परिवहन कैंपस में 302 वर्ग मीटर क्षेत्र में अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक उपलब्ध होगा, जहां ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदकों की ड्राइविंग कुशलता जांची जाएगी। इस ट्रैक पर टेस्ट में पास होने के बाद ही आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस के योग्य माने जाएंगे।

-संजय अग्रवाल, परिवहन सचिव