क्कन्ञ्जहृन्: 90 साल बाद राजकीय आयुर्वेद कॉलेज का पहला फाउंडेशन डे मनाया जाएगा। ऐसा इसलिए कि कॉलेज प्रबंधन को स्थापना दिवस की जानकारी नहीं होने के कारण फाउंडेशन डे नहीं मनाया जा सका। चूंकि अब जानकारी मिलने के बाद 26 जुलाई को भव्य तरीके से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो। दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि यह कॉलेज देश का पहला सरकारी कॉलेज है। कॉलेज प्रबंधन ने 2001 में कॉलेज की स्थापना तिथि को खोजने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी। इसके बावजूद भी 25 दिसंबर 2001 को 75वां फाउंडेशन डे सेलिब्रेट किया गया था।

- सीएम के पिता थे पूर्व स्टूडेंट्स

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पिता राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के पूर्व स्टूडेंट थे। इसको लेकर फाउंडेशन डे के उदघाटन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सीएम को बुलाने की कवायद की जा रही है। इसके अलावा देश के बड़े आयुर्वेद विशेषज्ञ जुटेंगे।

- पूर्व स्टूडेंट्स की तलाश शुरू

वहीं कॉलेज में अभी तक एलुमनी एसोसिएशन नहीं बनाया गया था। इस साल एलुमनी एसोसिएशन का गठन किया गया है। इसमें 26 जुलाई 1926 से अभी तक के स्टूडेंट्स का डिटेल तलाशा जा रहा है। फाउंडेशन डे तक अधिकांश स्टूडेंट्स से सम्पर्क करने की कोशिश की जा रही है। स्टूडेंट्स का डिटेल मिलने के बाद एसोसिएशन को सौंप दिया गया है।

आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना तिथि की जानकारी नहीं होने के कारण 90 साल में एक बार भी फाउंडेशन डे सेलिब्रेट नहीं किया गया। जानकारी मिलने के बाद 26 जुलाई को भव्य तरीके से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें देशभर के आयुर्वेद विशेषज्ञ जुटेंगे। कार्यक्रम में बिहार के सीएम को मुख्य अतिथि के लिए पत्र लिखा गया है।

- प्रो। दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, पटना