-अगर आपके घर में भी आता है होम ट्यूटर तो हो जाइए सावधान, हर गतिविध पर रखिए नजर

PATNA: आपके घर में भी होम ट्यूटर आ रहा है तो थोड़ा सावधान हो जाइए। क्योंकि ट्यूटर ही आपके घर को बर्बाद करने में लगे हैं। कहीं आपके हस्ते-खेलते मासूम की जिंदगी को ये ट्यूटर बर्बाद न कर दे। दरअसल शनिवार शाम को बिहटा थाना क्षेत्र में एक 7 साल की बच्ची के साथ उसके होम ट्यूटर ने ही दुष्कर्म किया है। मासूम को वो दरिंदा ट्यूटर घर में पढ़ाने आता था। मौका देख उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर दिया। बच्ची की मां ने जब उसकी रोने की आवाज सुनी तो वो भागकर कमरे में पहुंची। देखा कि टीचर ने उसके साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। तत्काल उसने शोर मचाकर आस-पास के लोगों को बुलाया और टीचर को पकड़ लिया। पहले तो लोगों ने टीचर की पिटाई कर दी। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

बाहर खेल रहा था भाई

मासूम बच्ची पहली कक्षा में पढ़ती है। उसके साथ छोटा भाई भी ट्यूशन पढ़ता था। लेकिर घटना के दिन वह बाहर खेल रहा था। टीचर ने इसका फायदा उठाते हुए बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस प्रशासन के पास नहीं होता रिकॉर्ड

होम ट्यूटर को लेकर न तो पुलिस कोई रिकॉर्ड तैयार करती है और नहीं प्रशासन के पास कोई लेखा-जोखा होता है। इस कारण इनका कोई वेरीफिकेशन भी नहीं हो पाता। कारण अब ये जरूरी हो गया है कि अपने होम ट्यूटर के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर लें और नजदीकी थाने में उसका वेरीफिकेशन कराएं।

हवा में चलता बिजनेस

होम ट्यूटर एक बड़ा सेगमेंट तैयार हो गया है। इसका बिजनेस हवा में चल रहा है। शासन द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण हर कोई होम ट्यूटर बन जाता है। घर में होम ट्यूटर द्वारा होने वाले मामले में करीब 90 परसेंट घटनाएं इज्जत के डर से थाने तक नहीं पहुंचती है। प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने से टीचर मनमानी करते हैं।

पैरेंट्स को सोच-समझकर ट्यूटर रखना चाहिए। अगर बच्चों के व्यवहार में अंतर आता है तो सजग होकर बच्चे से पूछना चाहिए। ट्यूटर के भरोसे बच्चे को कभी अकेले न छोड़ें।

-सरिता सिवांगी, क्लिनिकल साइकॉलोजिस्ट

काफी गंभीर मामला है। आरोपी शिक्षक के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

-मनोज कुमार, एसएचओ बिहटा

अभिभावक ये बरतें सावधानी

-कभी भी शिक्षक को बंद कमरे में न पढ़ाने दें।

-शिक्षक को ऐसे जगह बैठाएं जहां पर उसकी हर गतिविधियों पर आप नजर रख सकें।

-बच्चों को भरोसे में लेकर शिक्षक की गतिविधियों के बारे में पूछताछ करें।

-ट्यूटर के साथ बकायदा एक एग्रिमेंट साइन करें।

-जहां पर टीचर पढ़ा रहे हैं, अचानक वहां पर पहुंच कर गतिविधियों को देंखें।

-टीचर का डॉक्यमेंट यानी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड टीचर के परिवार का नंबर अपने पास रखें।

-पैरेंट्स ट्यूटर का बैकग्राउंड चेक करें।

-जब पैरेंट्स घर पर है और टीचर उस दिन अबसेंट हो तो अलर्ट हो जाएं।

-ट्यूटर फैमिली पार्टी में आते हैं और बच्चों पर फोकस है तो भी नजर रखें।