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PATNA : अगर आप प्लास्टिक के कम में चाय या काफी पीते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि एक कप चाय के साथ दो मिलीग्राम प्लास्टिक भी आपके पेट में जा रहा है। यह इंड्रोक्राइन को प्रभावित कर कैंसर के साथ हारमोनल बीमारी का जाल बना रहा है। यह बड़ा खुलासा महावीर कैंसर संस्थान के शोध में किया गया है। शोधकर्ता का कहना है कि अधिक हीट पदार्थ के साथ प्लास्टिक के घुलने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है।

ऐसे किया गया शोध

महावीर कैंसर संस्थान के शोध डिपार्टमेंट ने चाय के कप का दो तरह से शोध किया। यूज और नॉन यूज कप का पहले वजन किया गया। पचास से अधिक कप पर किए गए शोध में 100 सेंटीग्रेट के तापमान पर चाय डालकर पांच में मिनट बाद यूज और नॉन यूज कप का फिर से वजन किया गया। इसमें पाया गया कि यूज कप का वजन 1.5 से 2 मिलीग्राम कम हो गया है यानी यह पेय पदार्थ में घुल गया। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि लोग रोजाना चाय और काफी के साथ खतरनाक जहर को पी रहे हैं जो लोगों को गंभीर बीमारी दे रहा है।

कैंसर जैसी बीमारी को दावत

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बड़ा और खतरनाक रिजल्ट आया है। अगर एक कप चाय के साथ इंसान 2 मिलीग्राम प्लास्टिक पी रहा है तो वह कैंसर जैसी बीमारी को दावत दे रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी प्लास्टिक के घुलने या गलने के आधार पर ही उसके नुकसान करने का आकलन होता है। चाय की कप इस मामले में काफी खतरनाक है।

बीमारी की जड़ दो मिली ग्राम प्लास्टिक

महावीर कैंसर संस्थान द्वारा कई माह तक किए गए शोध और फिर परिणाम आने के बाद प्लास्टिक से हो रहे बॉडी पर असर की पड़ताल में चौंकाने वाला सच सामने आया है। शोध में शामिल टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके मुताबिक 2 मिलीग्राम प्लास्टिक हर कप चाय से पेट में जाने के कारण इंडोक्राइन पूरी तरह से प्रभावित होता है जिससे बॉडी का हारमोन अनबैलेंस हो जाते हैं। इससे ?लड प्रेशर, शुगर, थाइराइड के साथ अन्य हारमोनल बीमारियां हो रही हैं। इससे सबसे अधिक खतरा कैंसर का होता है जो पटना में तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों की माने तो पटना में हर दिन 100 से अधिक मरीजों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं।

गर्म चाय या काफी में प्लास्टिक तेजी से घुलता है और वह पेट में जाकर गंभीर बीमारी पैदा कर रहा है। इसमें हारमोनल इनबैलेंस से लेकर कैंसर तक का खतरा है। कैंसर पर अंकुश लगाने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना होगा।

डॉ मनीषा सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर एंड एचओडी

कीमोथेरेपी, महावीर कैंसर संस्थान