PATNA: बिहार में हॉयर एजुकेशन बदहाल स्थिति में है। कालेज और यूनिवर्सिटी में लगातार छात्र बढ़ते गए, नए कोर्स भी पढ़ाया जाने लगा। लेकिन इसके मुताबिक कालेजों ने सालों बाद भी खुद को अपडेट नहीं किया। इसका भुक्तभोगी भविष्य को ताक रहे छात्र-छात्राएं हो रहे हैं। हाल ही में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिशन (नैक) ने यूनिवर्सिटी और कालेजों की ग्रेडिंग सिस्टम को रीवाइज किया है। लेकिन जागरूकता नहीं है। मात्र म्9 कालेज ही नैक से मान्यता प्राप्त है। जबकि कम से कम फ्00 कालेज यहां चल रहे हैं।

संसाधनों का है अभाव

नैक के लिए राह अभी कितनी कठिन है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कालेजों में लैब, स्पोर्टस ग्राउंड और तकनीकी शिक्षा का अभाव है। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिशन (नैक) ने ग्रेडिंग को न केवल अपग्रेड किया है बल्कि आईक्यूएसी सेल का गठन करने की बात भी की है। लेकिन कालेजों में संसाधनों का अभाव ही एक बहुत बड़ी समस्या के रूप मे हम सभी के सामने है। आईक्यूएसी सेल के बारे में भी कालेजों में पर्याप्त जानकारी का अभाव है.राजधानी पटना में ही कई कालेजों में इस सेल का गठन नहीं हुआ है।

नैक के सात पैरामीटर

- कुरीकुलर आस्पेक्ट

- टीचिंग, लर्निग एंड इवेलुएशन

-रिसर्च, कंसल्टेंसी एंड एक्सटेंशन

- इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निग रीसोर्स ा

- स्टूडेंट्स स्पोर्ट एंड प्रोग्रेशन ााा

- गवर्नेस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट ा

- इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस

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क्यों जरूरी है नैक एक्रीडिशन

किसी भी संस्थान के स्ट्रेंथ, वीकनेस और इनफारमेशन रिव्यू प्रोसेस के बारे में जानकारी मिलती है। इंटरनल एरिया ऑफ प्लानिंग और रिसोर्स एलोकेशन के बारे में जानकारी मिलती है। साथ ही क्वालिटी एजुकेशन के लिए एक विश्वसनीय जानकारी मिलती है।

इससे भी नुकसान है

बिहार के कालेजों के संबंध में प्राय: देखा जाता है कि कालेज में प्रिंसिपल शिक्षक के एकेडमिक एक्टिविटी के बारे में पूरी जानकारी नहीं देते हैं। यह बात नैक के विजिटर भी मानते हैं। यह कालेज में आपसी मतभेद के कारण भी असहयोग की भावना होने से सामने नहीं आ पाता है। जबकि इससे नुकसान कालेज की ग्रेडिंग का होता है।

प्राथमिकताओं पर ध्यान दें

टीपीएस कालेज के पूर्व प्रिंसिपल और वर्तमान में नैक विजिटिंग टीम के मेंबर श्रीकांत शर्मा का कहना है कि नैक की मान्यता बहुत बड़ी समस्या नहीं है। लेकिन इसे गंभीरतापूर्वक सभी की भागीदारी सुनिश्चित कर ही इस काम को सफल किया जा सकता है। इसमें कालेज की ओर से प्रिंसिपल की बड़ी भूमिका होती है। गवनेंस, लीडरशिप आदि का ध्यान देना चाहिए।

कैसे होगा मार्च तक रजिस्ट्रेशन

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा परिषद की हाल में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री ने नैक मान्यता को लेकर कॉलेजों की सुस्ती पर नाराजगी जतायी है। इसमें रूसा उपाध्यक्ष कामेश्वर झा ने बैठक के दौरान जानकारी दी कि पिछले वर्ष तक प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कुल कॉलेजों की संख्या फ्क् थी, जो इस वर्ष बढ़कर म्9 हो गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह तो सुस्त चाल है। इस काम में तेजी लाये। राष्ट्रीय उच्चच्र शिक्षा परिषद कार्य योजना बनाकर फ्क् मार्च ख्0क्7 तक बिना नैक की मान्यता वाले कालेजों पर अपेक्षित कार्रवाई करने की मांग की। मंत्री के निर्देश पर रूसा जनवरी, ख्0क्7 के पहले हफ्ते में भ्0 से अधिक कालेजों को नोटिस जारी कर सकती है।

पहली बार करा रहे हैं एक्रीाडिशन

गांगा देवी महिला कालेज, श्री अरविंद महिला कालेज सहित अन्य ऐसे कालेज हैं, जो कि पहली बार नैक एक्रीडिशन के लिए प्रयास कर रहे हैं। श्री अरविंद महिला कालेज में नैक की टीम विजिट कर चुकी है और गंगा देवी महिला कालेज में विजिट फरवरी, ख्0क्7 में होगा। इधर, हैरानी की बात है कि अपनी स्थापना के सौ साल बाद भी कालेज का नैक ग्रेडिंग नहीं हो सका है। पटना यूनिवर्सिटी नैक को-आर्डिनेटर डॉ डॉली सिन्हा ने पुष्टि की है कि अभी तक नैक का ऑफिस नहीं बना है।

बिना किसी पूर्वाग्रह के नैक ग्रेडिंग के लिए कालेज के प्रिंसिपल को जानकारी देना चाहिए। हर शिक्षक की अधिक से अधिक जानकारी का विवरण प्रस्तुत करना चाहिए। आखिरकार एक संस्थान को मजबूत करना है।

- श्रीकांत शर्मा, नैक मेंबर