-मामला नियोजित शिक्षकों के समान काम समान सुविधा का

PATNA: प्रदेश के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम समान सुविधा के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है। बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने विभाग के अधिकारियों के साथ समान काम समान सुविधा के मसले पर बैठक के बाद यह निर्णय लिया।

खजाने पर पड़ेगा बोझ

शिक्षा सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान महाजन ने कोर्ट के निर्णय पर विमर्श किया। इस दौरान यह चर्चा भी हुई कि यदि नियोजित शिक्षकों को समान काम-समान सुविधा दी गई तो सरकार के खजाने पर तकरीबन सोलह हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। जबकि बिहार सरकार का शिक्षा बजट ही ख्भ् हजार करोड़ का है। तमाम आकलन के बाद सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में फैसले के विरोध में अपील करने का फैसला किया है।

तेजस्वी ने किया ट्वीट

इधर माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा कि शिक्षकों के हित के साथ बिहार सरकार खिलवाड़ कर रही है। इसके खिलाफ संघ भी मौन नहीं रहेगा और वह भी सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। गुरुवार को संघ की ओर से महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बयान जारी कर कहा कि यदि सरकार समान काम के बदले समान सुविधा नहीं देती है तो राज्यव्यापी आंदोलन भी किया जाएगा। इस मसले पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा वे नियोजित शिक्षकों के साथ खड़े हैं।