पटना (ब्यूरो)। बिहार ने पर्यटन के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के दौरान लंबी छलांग लगाई है। वर्ष 2019 में राज्य में 3.5 करोड़ पर्यटक आए थे, जबकि इस वर्ष अब तक पौने छह करोड़ पर्यटक आ चुके हैं। अगले दो महीनों में भी काफी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। ये बातें शनिवार को ज्ञान भवन में पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ट्रेवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) के उद्घाटन समारोह में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटक आ रहे हैं। जरूरत है बेहतर सुविधाएं प्रदान कर उन्हें रोकने की। उन्हें राज्य में रोकना बड़ी चुनौती है। इसके लिए बिहार की ब्रांङ्क्षडग होनी चाहिए। लेकिन कुछ लोग राजनीतिक कारणों से प्रदेश को बदनाम करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यहां पर माता सीता की जन्मस्थली है। गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह ने पटना में जन्म लिया। यहां पर बुद्ध एवं महावीर को ज्ञान प्राप्त हुआ।

जल्द तैयार हो जाएगी पर्यटन नीति
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन नीति तैयार कर रही है। उम्मीद है कि यह जल्द तैयार हो जाएगी। कहा कि जीडीपी के विकास में बिहार देश में नंबर वन है। वहीं, अपराध में राज्य 24वें स्थान पर है, जबकि दिल्ली नंबर वन है। अगर राज्य को विशेष दर्जा या पैकेज मिला रहता तो यह काफी आगे बढ़ चुका होता। बिहार कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर आगे बढ़ सकता है।

पर्यावरण आधारित पर्यटन का विकास
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार में पर्यावरण आधारित पर्यटन काफी तेजी से विकसित किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई चरणों में काम किया जा रहा है। यहां पर बिजली एवं सड़कों की स्थिति काफी बेहतर हो गई है। पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि राज्य में धार्मिक एवं एडवेंचर पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। सरकार उस दिशा में काफी तेजी से कदम बढ़ा रही है। एक तरह जहां राज्य के मठ-मंदिरों का विकास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वाटर स्पोट््र्स का भी विकास किया जा रहा है।