पटना (ब्यूरो)।सांस्कृतिक संस्था 'इमैजिनेशनÓ द्वारा पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 'बिहार रंग महोत्सव बिहारंगम-2024Ó का शुभारंभ हुआ। इस महोत्सव को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, अरिस्टो फार्मास्युटिकल्स, एरिस्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
-विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है
उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ रवि रंजन, पूर्व माननीय मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय, रांची द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की 'इमैजिनेशन द्वारा आयोजित बिहार रंग महोत्सव इस बात का प्रतीक है की बिहार के लोक कलाएं एवं नाटक विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है एवं युवा पीढ़ी को बिहार के लोक कलाओं से अवगत करा रही है। यह महोत्सव देशभर एवं बिहार के कलाकारों को एक मंच तो प्रदान करती है वही इस महोत्सव में विभिन्न कलाओं का संगम भी देखने को मिलता है। महोत्सव की शुरुआत प्रदेश के रंग लिटिल बैले ट्रूप के कलाकारों द्वारा नाटक रामायण की प्रस्तुति की गई। शुरुआत से ही, रामायण अपनी मौलिकता और सांस्कृतिक समृद्धि के कारण अलग दिखता है। शास्त्रीय वाद्ययंत्रों पर बजने वाले पारंपरिक संगीत और नृत्य की गतिविधियां उत्तर भारतीय कठपुतली शैली, विशेष रूप से राजस्थानी तार की कठपुतली शैली से प्रेरित हैं। कलाकार चौकोर मास्क पहनते हैं जो उनके चेहरों को जीवंत बनाते हैं। मंच पर सजावट न्यूनतम लेकिन रंगीन है, अक्सर इसे एक ग्रामीण मेले का रूप दिया जाता है, जो कि रामायण के ग्रामीण परिवेश पर जोर देता है। नाटक की कहानी मूल रामायण से ली गई है, लेकिन इसे कठपुतली नृत्य के अनुरूप संक्षिप्त किया गया है। दर्शक राम और सीता के प्रेम, लक्ष्मण के भाईचारे, रावण के अपहरण और राम के वानर सेना के साथ लंका विजय के श1ितशाली क्षणों के गवाह बनते हैं। नाटक केवल कहानी सुनाने से आगे बढ़कर मानवीय मूल्यों पर ज़ोर देता है, जैसे धर्म, प्रेम, त्याग और कर्तव्य। इसके साथ बाहरी परिसर का कार्यक्रम काशिका के सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद सृष्टि फाउंडेशन के कलाकारों द्वारा 'शिव स्तुति एवं नव दुर्गा स्वरुपÓ द्वारा सरस्वती आई.आई.टी पटना के ड्रामेटिक्स सोसाइटी 'यवनिकाÓ द्वारा नुक्कड़ नाटक 'एक कुण्डी तो खड़कानी थीÓ की प्रस्तुति थी। इमेजिनेशन पटना के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक 'सही वित्तीय बर्ताव करे आपका बचावÓ की प्रस्तुति हुई.