- बिहार विधान परिषद में मंगल पांडेय और संजय सिंह में हाथापाई, बीजेपी-जेडीयू में टकराव

- मंगल पांडेय, सत्येन्द्र नारायण सिंह, सूरजनंदन मेहता और लाल बाबू राय को इस सेशन से किया गया निलंबित

- राबड़ी देवी ने कहा-दोनों दोषी, लालू प्रसाद ने जेडीयू का किया सपोर्ट

PATNA: बिहार की राजनीति के कई चेहरे हैं। नया चेहरा उच्च सदन यानी बिहार विधान परिषद् में दिखा। यहां बीजेपी के स्टेट प्रेसीडेंट और जेडीयू एमएलसी संजय सिंह के बीच हाथापाई हो गई।

सवाल के 'जवाब' में भिड़ गए

बिहार विधान परिषद् में बैजनाथ प्रसाद का सवाल अति पिछड़े व पिछड़े स्टूडेंट्स को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप देने से जुड़ा था। उनका आरोप था कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप एक लाख से घटा कर 7भ् हजार किया गया और फिर क्भ् हजार। यह तकनीकी शिक्षा के लिए दिया जाता है, इससे जुड़े डिपार्टमेंट की मिनिस्टर बीमा भारती सदन में मौजूद नहीं थी। इसलिए जवाब विजय चौधरी दे रहे थे। ऑपोजिशन उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और इस पर विरोध दर्ज करने लगा, जिसके बाद बात बढ़ती चली गई।

नीतीश, मोदी, राबड़ी के सामने हाथापाई

उच्च सदन की गरिमा उस वक्त तार-तार हुई जब सदन संभाल से बाहर हो गया। सभापति अवधेश नारायण सिंह के आग्रह का कोई असर नहीं दिखा। हंगामा होता रहा। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार के इशारे पर जेडीयू स्पोक्स पर्सन संजय सिंह ने सुशील कुमार मोदी को अपशब्द कहा। बीमार मानसिकता वाला भी कहा। सदन में स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि बीजेपी के स्टेट प्रेसिडेंट मंगल पांडेय और जेडीयू स्पोक्स पर्सन संजय सिंह के बीच हाथापाई हो गई। यह इतिहास बन गया उच्च सदन में।

'तब तक सदन में नहीं आऊंगा'

एक्स सीएम नीतीश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच करने की मांग विधान परिषद् सभापति ने की। उन्होंने कहा कि फ्0 साल के संसदीय जीवन में मेरे ऊपर ऐसा आरोप नहीं लगा कि मैंने उकसाया है। मेरा जीवन खुली किताब है। मुझे आरोप से काफी पीड़ा हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक आरोपों की जांच नहीं हो जाती, वे सदन में नहीं आएंगे। ये घटना संसदीय लोकतंत्र पर कलंक है।

'नीतीश के इशारे पर हुआ'

सत्ता पक्ष बहुमत का दुरुपयोग कर रहा है। नीतीश कुमार इस पूरे मामले में दोषी हैं। सरकार के पास जवाब नहीं था। नीतीश कुमार के इशारे पर स्पोक्स पर्सन संजय सिंह ने अपशब्द कहे। गाली-गलौज किया, इसलिए उनकी पार्टी ने दिन भर सदन का बहिष्कार किया।

सभापति ने किया चार को निलंबित

नीतीश कुमार सदन में बोलते-बोलते भावुक हो गए। इधर, सभापति ने नीतीश कुमार को क्लीन चीट दे दी और बीजेपी के चार एमएलसी को इस सत्र से निलंबित कर दिया। मंगल पांडेय, सत्येन्द्र नारायण सिंह, सूरजनंदन मेहता और लाल बाबू राय को निलंबित किया गया है।

'सीधे आदमी हैं नीतीश'

एक्स सीएम लालू प्रसाद सदन में नहीं हैं, पर उन्होंने घटना पर अपना रिएक्शन दिया और बीजेपी को निशाने पर लेते हुए जेडीयू का साथ दिया। नीतीश कुमार को सीधा आदमी कहा और मंगल पांडेय को हमेशा अमंगल करने वाला। वहीं, एक्स सीएम राबड़ी देवी उस समय सदन में मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि ये निंदनीय घटना है। इसके लिए दोनों ही दोषी हैं।

दोस्ती टूटी थी, तब बहा था खून

नीतीश कुमार ने जब बीजेपी से दोस्ती तोड़ी थी और बीजेपी कोटे के मिनिस्टर्स को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके दूसरे ही दिन वीरचंद पटेल पथ जिस पर बीजेपी और जेडीयू का दफ्तर है, पर दोनों पार्टियों के नेता ऐतिहासिक रूप से भिड़े थे। खूब लाठियां चली थीं। खून बहे थे। बिहार विधान परिषद् में दोनों पार्टियों के बीच की टकरार के बीच हर किसी को वो टकरार भी याद आ गई।