पटना (ब्यूरो)। शिक्षा, पर्यटन और बिहार की सीमा सुरक्षित करने समेत पांच प्रस्ताव पर मंथन के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रस्तावों पर विचार के बाद उसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। उसी पर पूरे साल बिहार प्रदेश में परिषद की गतिविधियों का संचालन होगा। इस तरह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का चार दिवसीय अधिवेशन रविववार को संपन्न हो गया।

सालभर काम करेंगे कार्यकर्ता
महर्षि दधीचि नगर (राम जयपाल कॉलेज परिसर, छपरा) में आयोजित अधिवेशन को लेकर परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डा। ममता कुमारी एवं प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव ने बताया कि अधिवेशन में शिक्षा, पर्यटन एवं समाज संबंधी पांच प्रस्ताव पारित किए गए, जिन पर सालभर तक कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से काम करेंगे। राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने बताया कि बिहार में शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता रोकने को लेकर राज्य सरकार व राजभवन कोई कार्य नहीं कर रहे हैं।

प्रवेश, परीक्षा और रिजल्ट से धन उगाही
महाविद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक भ्रष्टाचार का तंत्र बन चुका है। इसे राज्य के संवैधानिक संस्थानों का संरक्षण हासिल है। प्रवेश, परीक्षा और परिणाम तीनों छात्रों से धन उगाही के माध्यम बन चुके हैं। इन्हें खत्म करने के लिए परिषद कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बिहार में अविलंब लागू करने की जरूरत है। इसके केंद्र में भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतीय भाषा व भारत बोध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षा का स्वरूप पहले की तुलना में अधिक समावेशी व संस्कृति केंद्रित होगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाज के अपवंचित वर्गों, सामाजिक समूह तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को भी मिल सकेगी। व्यवसाय मुखी तथा प्रौद्योगिकी व तकनीकी को जोड़ देने के कारण एक ओर जहां बेरोजगारी जैसी समस्या का निदान संभव होगा, वहीं शिक्षा प्रणाली युग अनुकूल बनेगी। इसके अलावा बिहार में उद्योग-धंधे व पर्यटन के विकास के लिए भी प्रस्ताव पारित किए गए। प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, विश्व विद्यालय संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार आदि मौजूद थे।

अभाविप के अधिवेशन में पारित पांच प्रस्ताव:
1. सैनिक परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितता पर अविलंब कार्रवाई हो।
2. बिहार के भविष्य के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए।
3. बिहार में उद्योग और पर्यटन के विस्तार से विकास का खाका तैयार हो।
4. बिहार की सीमाओं को सुरक्षित कर जनसंख्या संतुलन करे सरकार।
5. बिहार की वर्तमान परिस्थितियों पर अवलोकन हो।