PATNA: कैंसर के मरीजों की जान से खेल रहे कैंसर बाबा ने ठगी के लिए दलालों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया है और उनके सहारे ही मरीजों को जाल में फंसाया जाता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट शिशुपाल उर्फ कैंसर बाबा का एक और बड़ा खुलासा करने जा रहा है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। मरीज बनकर कैंसर की बीमारी ठीक होने का दावा करने वाले कैंसर बाबा के नेटवर्क में शामिल दलाल हैं और उन्हें इसके लिए एक बड़ी रकम दी जाती है।

फिर पिलाना शुरू कर दिया दवा

शिशुपाल उर्फ कैंसर बाबा पटना के यारपुर में एक टीवी शोरूम की गोदाम में हर दिन सुबह कैंसर की दवा पिलाता है। डीजे आई नेक्स्ट ने कैंसर बाबा के दलालों के नेटवर्क को तलाशा जिसके सहारे पटना ही नहीं दिल्ली और देश के अन्य इलाकों से मरीज बुलाए जाते हैं।

अब दलालों का देता है नंबर

पकड़े जाने के डर से शिशुपाल अपना नहीं बल्कि दलालों का नंबर देता है और जब दलाल मरीजों को सेट कर लेते हैं तब उन्हें जगह बताया जाता है जहां शिशुपाल दवा पिलाता है।

महिलाओं को ठीक करने का दावा

कैंसर बाबा मरीजों को अपने जाल में फंसाने के लिए ऐसी महिलाओं का नंबर देता है जो मरीजों को उसके पास पहुंचाने का काम करते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने भी महिला मरीज से पड़ताल की, जिसके गले के कैंसर को ठीक करने का दावा किया जा रहा है। रिपोर्टर जब उक्त महिला मरीज का नंबर मिलाया तो आवाज पुरुष की आई जिसने पेशेंट से बात कराने को मना कर दिया लेकिन कैंसर बाबा के तारीफों की पुल बांधने लगा। अब आप भी जानिए स्टिंग ऑपेरशन में क्या बोला रहा है खुद को महिला मरीज का पति बताने वाला कैंसर बाबा का एजेंट।

सिस्टम में संक्रमण उजागर कर रहा कैंसर बाबा

कैंसर बाबा खुलेआम प्रचार प्रसार कर कैंसर के नाम पर मरीजों को ठगने का काम बड़ी चालाकी से कर रहा है। अगर जिम्मेदार गंभीर होते तो कैंसर बाबा मरीजों की जान से इस तरह नहीं खेल पाता। कैंसर बाबा प्रचार प्रसार में हर तरह के कैंसर को जड़ से ठीक करने का दावा कर रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक कोई भी जिम्मेदार इसपर गंभीर नहीं हुआ। अगर सिस्टम का संक्रमण ठीक नहीं हुआ तो शिशुपाल उर्फ कैंसर बाबा इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खेलता रहेगा।

रिपोर्टर और एजेंट के बीच बातचीत के अंश

रिपोर्टर - मुझे आपका नंबर कैंसर की दवा के प्रचार प्रसार से मिला है, मैं कुछ जानकारी चाहता हूं?

एजेंट - हां बताइए।

रिपोर्टर - जिस महिला पेशेंट के बारे में बताया गया क्या उनसे बात हो सकती है?

एजेंट - नहीं उनसे तो नहीं बात हो सकती है, मैें उनका पति हूं और जो जानकारी चाहिए मैं दे दूंगा।

रिपोर्टर - मेरी एक रिलेटिव हैं जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ है उन्हीं के इलाज के बारे में जानना था?

एजेंट - शिशुपाल जी इलाज करते हैं, मेरी पत्‍‌नी का कैंसर को देश के बड़े-बड़े डॉक्टर नहीं ठीक कर पाए लेकिन उन्होंने कर दिया।

रिपोर्टर - क्यों दिल्ली में दवा मिल सकती है?

एजेंट - नहीं इलाज के लिए आपको पटना आना होगा और 30 से 40 दिन यहां ठहरना होगा।

रिपोर्टर - मेरा तो वहां कोई जानने वाला नहीं मैं कहां ठहर सकता हूं?

एजेंट - पटना में स्टेशन के पास ही दवा पिलाई जाती है यहां आप पहुंचिएगा तो सारी व्यवस्था हो जाएगी।

रिपोर्टर - कितना खर्च आएगा इलाज में ?

एजेंट - वो तो केस पर डिपेंड हैं, वैसे 3 लाख से ऊपर ही खर्च आ जाता है।

रिपोर्टर - 3 लाख में दवा और रहने का भी खर्च शामिल है?

एजेंट - नहीं यह रकम तो सिर्फ दवा की है, बाकी आपको देखना होगा।

रिपोर्टर - 3 लाख खर्च करने के बाद ठीक तो हो जाएगा न? आपने किसी और को भी भेजा है क्या?

एजेंट - एक-दो नहीं सैकड़ों लोगों का फोन मेरे पास आया और उन्हें इलाज के लिए भेजा गया।

रिपोर्टर - हर किसी का ठीक हो गया या कोई वापस भी लौट गया?

एजेंट - दवा से हर किसी को लाभ होता है सैकड़ों लोगों का कैंसर खत्म हो गया।

रिपोर्टर - मैं पटना आऊ तो आप मेरी व्यवस्था कर देंगे न? कोई परेशानी तो नहीं होगी न?

एजेंट - नहीं आप आइए आपका काम हो जाएगा कोई दिक्कत नहीं होगी, मैं आपकी पूरी मदद करुंगा।

रिपोर्टर - पैसा कुछ कम नहीं हो सकता है?

एजेंट - नहीं नहीं, दवा बहुत महंगी है जिसकी खोज शिशुपाल ने की है। आप आधा पैसा पहले जमा कर दीजिएगा फिर इलाज शुरू हो जाएगा।

रिपोर्टर - ठीक है पटना पहुंचकर आपको कॉल करुंगा।

एजेंट- ठीक है आप आइए पटना।