PATNA: सीबीआई को छह साल में लगातार दो-दो निदेशक देने वाले बिहार के एक और आइपीएस सीबीआई निदेशक बनने की रेस में हैं। बिहार कैडर के क्979 बैच के आइपीएस और फिलहाल इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) के महानिदेशक कृष्णा चौधरी सीबीआई निदेशक बनने की होड़ में ब् अन्य आइपीएस के साथ शामिल हैं। यदि कृष्णा निदेशक बनते हैं तो बिहार के आइपीएस की सीबीआई में 'हैट्रिक' हो जाएगी।

वर्तमान सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा से पहले बिहार कैडर के रंजीत सिन्हा वर्ष ख्0क्0 से ख्0क्फ् तक सीबीआई निदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं। दूसरी ओर आइबी प्रमुख बनने की दौर में झारखंड कैडर के आइपीएस और फिलहाल आइबी के नंबर दो अफसर राजीव जैन सबसे आगे हैं। उनके पास खुफिया एजेंसी में काम करने का लंबा अनुभव है। बिहार के ही रहने वाले केरल कैडर के आइपीएस दिनेश्वर शर्मा दिसंबर अंत तक रिटायर होने वाले हैं। यह चर्चा है कि अनिल सिन्हा के रिटायर्ड होने से पूर्व सीबीआई के नए निदेशक के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।

ब्ब् में चार-पांच ही उपयुक्त

सूत्रों के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट ने नए सीबीआई निदेशक की तलाश में देश के ब्ब् आइपीएस की लिस्ट बनाई है। लेकिन शर्तों को देखते हुए केवल चार-पांच अफसर ही उपयुक्त पाए गए हैं। ज्ञात हो कि निदेशक के लिए केवल उन्हीं अफसरों को तरजीह दी जाती है जिनके पास इस जांच एजेंसी में या फिर राज्यों के निगरानी ब्यूरो में काम करने का अनुभव हो। लिस्ट में पहले नंबर पर सीबीआइ के विशेष निदेशक आरके दत्ता का नाम है। दत्ता वर्ष क्98क् बैच के कर्नाटक कैडर के आइपीएस हैं। उन्होंने ख्जी और कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच की कमान संभाली है। जबकि रेस में दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा (क्979 बैच) और महाराष्ट्र के डीजीपी सतीश माथुर भी हैं। आइटीबीपी के महानिदेशक और बिहार कैडर के कृष्णा चौधरी के पास सीबीआई में चार साल तक काम करने का अनुभव है। वे बिहार के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में भी सेवाएं दे चुके हैं।