नागपंचमी पर श्रद्धालुओं ने पूजा कर किए नागदेव के दर्शन

PATNA :

धार्मिक व आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार नाग पूजन की परंपरा आदि काल से है। श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को नागपंचमी मनाया जाता है। इसको लेकर शनिवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा की। श्रद्धालुओं ने नाग देवता को दूध-लावा खिलाया। घरों में भी लोगों ने नागपंचमी का पर्व विधि-विधान से मनाया। श्रद्धालुओं ने अपने-अपने ढंग से पूजा-अर्चना कर शिव की आराधना की। गेहूं और चने की घुघनी, पूड़ी, खीर व सेवई बनाई गई। कई इलाकों में गली-मोहल्लों में घूम-घूमकर सपेरों ने भक्तों को नाग के दर्शन कराए।

शिव को अभिषेक कर की पूजा

नाग पंचमी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर नदी के किनारे शिव¨लगों पर जलाभिषेक किया। विभिन्न स्थानों पर नागदेवता का दर्शन कर सफल जीवन की कामना की। धार्मिक व आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार नाग पूजन की परंपरा आदि काल से है। नाग पूजन से कारोबार में उन्नति होती है। धार्मिक ग्रंथों के ज्ञाता पंडित अवध किशोर पांडे ने बताया कि नाग पूजन करने से वंश वृद्धि तथा नागयोनि में गए पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। नाग देवता का पूजन करने से अनिष्ट नाग दोष, काल सर्प दोष के कष्ट भी मिट जाते हैं।