- बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड में है शरद का गांव

- शरद का पूरा परिवार रहता है पटना में

MUZAFFARPUR: टोक्यो पैरालिंपिक में हाई जंप स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल कर मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत मोतीपुर प्रखंड के कोदरकट्टा गांव निवासी शरद कुमार ने जीत हासिल कर देश के साथ-साथ अपने गांव का नाम रोशन किया है। जीत की खबर मिलते ही उनके गांव में लोग जश्न में डूब गए। आतिशबाजी कर एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। स्वजनों के पटना में रहने के कारण यहां गांव में घर पर कोई नहीं था, लेकिन उनकी सफलता पर ग्रामीण काफी खुश थे।

दोपहर से ही टीवी पर चिपके रहे लोग

गांव के लोग दोपहर से ही पैरालिंपिक देखने के लिए टीवी पर चिपके थे। काफी मशक्कत के बाद हाई जंप में शरद ने देर शाम जीत हासिल कर ली। जैसे ही टीवी पर शरद की जीत की खबर मिली ग्रामीण खुशी से झूम उठे। गांव में दीपावली जैसा माहौल हो गया। लोगों ने जमकर आतिशबाजी करने के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।

पूरा परिवार रहता है पटना में

ग्रामीण महेंद्र राय, रामदेव राय, जोगेंद राम, अमरजीत कुमार, राकेश सिंह आदि ने बताया कि शरद का पूरा परिवार पटना में रहता है। पिता सुरेंद राय व्यवसाय करते थे। मां गृहिणी हैं। दो भाइयों में छोटे शरद ने सेंटपाल हाईस्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की। शुरुआती दौर में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। मैदान में उसके कई दोस्त हाई जंप लगाते थे। इनसे प्रभावित होकर दिव्यांग होने के बाद भी शरद छलांग लगाने लगे। स्कूल स्तर पर भी वह कई प्रतियोगिताओं में शामिल हुए। दिल्ली में रहकर ग्रेजुएशन किया। बचपन से ही खेल के प्रति शरद का लगाव रहा।

गलत दवा के सेवन से हो गए पोलियोग्रस्त

दो साल की उम्र में गलत दवा का सेवन करने से शरद पोलियो ग्रस्त हो गए थे। उनके बड़े भाई सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शरद का परिवार कभी-कभार ही गांव आता है। घर की देखभाल एक नौकर के जिम्मे है। साधारण परिवार से जन्मे शरद के हौसले की चर्चा पूरे देश में हो रही है।