सीबीएसई ने क्लास 9 व 11 के लिए जारी किया मटेरियल

PATNA : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने 9वीं और क्क्वीं के लिए कई विषयों में ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट के लिए टेक्स्ट मटेरियल जारी कर दिया है। बोर्ड ने 9वीं के लिए भ् विषयों में यह मटेरियल स्कूल को भेजा है। वहीं क्क्वीं क्लास के लिए तीन विषयों में मटेरियल प्रोवाइड किया गया है। सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों को इसके बारे में जानकारी दे दी है।

ये है ओपन टेक्स्ट असेसमेंट

ओटीबीएस यानी ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट एक स्कीम है जिससे स्टूडेंट्स रटने के बजाए सवाल का जवाब समझकर लिखते हैं। सीबीएसई एग्जाम से पहले की टेक्स्ट मटेरियल भेज देता है। उसी मटेरियल से सवाल पूछे जाते हैं जिसका जवाब उसी मटेरियल से खोजना पड़ता है।

तैयारी के लिए मिलेगा दो महीना

सीबीएसई ने फिलहाल 9वीं और क्क्वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (ओटीबीए) स्कीम चला रही है। इसके तहत क्0 पर्सेंट वेटेज ऐसे क्वेश्चन की होगी, जिनके बारे में स्टूडेंट्स को एग्जाम से करीब दो महीने पहले ही बता दिया जाएगा। सीबीएसई ने अलग-अलग सब्जेक्ट्स के लिए केस स्टडीज जारी कर दी है और सैंपल क्वेश्चन भी दिए गए हैं। मार्च ख्0क्7 में होने वाले फाइनल एग्जाम में केस स्टडीज तो यही होगी, लेकिन क्वेश्चन अलग हो सकते हैं। इसमें सम सामयिक केस स्टडी को शामिल किया गया है। इकोनॉमिक्स विषय में विदेश नीति और चीन की इकोनॉमी के बारे में लिखा गया है। हिंदी में पर्यावरण से संबंधित केस स्टडीज हैं।

2 साल पहले लागू हुआ स्कीम

साल ख्0क्ब् से ही बोर्ड ने इस स्कीम को शुरू किया था.असेसमेंट के इस तरीके में स्टूडेंट्स को पहले ही सवालों के बारे में बता दिया जाता है। इस तरह वे पढ़कर जवाब तैयार करते हैं.इस साल 9वीं के लिए इंग्लिश, हिंदी, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस के लिए यह मटेरियल जारी किया गया है।

पटना में सहोदया से जुड़े सभी सीबीएसई स्कूल्स ओटीबीएस एग्जाम एक साथ करवाते हैं। जब यह स्कीम तैयार हो रहा था तो मैं रिसोर्स परसन के रूम में इसमें शामिल रही हूं, इसलिए अपने स्कॉलर्स अडोब स्कूल में इसे ठीक से इंप्लीमेंट किया है।

-बी प्रियम, वाइस प्रेसिडेंट, सहोदया, सीबीएसई

इस सिस्टम से हमारे स्कूल में स्टूडेंट्स को काफी फायदा हुआ है। लेकिन दिक्कत उन स्कूल्स में है जहां इसे ठीक से फॉलो नहीं करते। स्टूडेंट्स को कॉन्सेप्ट समझना होगी तभी वे इस एग्जाम में अच्छा परफॉर्म कर पाएंगे।

- फरहत हसन, प्रिंसिपल, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

मुझे तो यह एक एक्टिविटी जैसा लगता है। बच्चे सामने रखे जवाब में से खोजकर उसे लिखते हैं इससे उसकी क्रिएटिविटी बढ़ती है। इसे स्कूल्स को सिरियसली फॉलो करना चाहिए।

- अनामिका सिन्हा, प्रिंसिपल, ईशान इंटरनेशनल ग‌र्ल्स स्कूल