- मुख्यमंत्री ने जलवायु के अनुकूल कृषि योजना का किया उद्घाटन

- बोले : कम लागत से किसानों को मिलेगा अधिक लाभ

PATNA :

मुख्यमंत्री ने जलवायु के अनुकूल कृषि योजना का सोमवार को उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि जलवायु के अनुकूल कृषि को स्थायी कार्यक्रम के रूप में तैयार करें। फिलहाल पांच साल के लिए इसका आवंटन जरूर है पर यह योजना स्थायी तौर पर काम करे। इससे खेती की लागत कम होती है और आमदनी अधिक है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के एक अवयव के रूप में है मौसम के अनुकूल कृषि। पिछले वर्ष प्रायोगिक तौर पर इसे आठ जिले में शुरू किया गया था। सोमवार को यह सभी 38 जिलों में शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि है। मौसम के अनुकूल कृषि से उनकी आमदनी बढ़ेगी।

किसानों के हित में काम

उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरा विश्व चिंतित है। उसी चिंता को केंद्र में रख कर मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को शुरू किया गया है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गंभीरता का परिणाम है। उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि किसानों के हित में बिहार में किस तरह से काम किया जाए यह सरकार की चिंता में है। जल-जीवन-हरियाली के अवयव के रूप में मौसम के अनुकूल कृषि देश में एक अच्छे मॉडल के रूप में है। सब लोग जलवायु के अनुकूल खेती में लगें।

जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के निराकरण के लिए ठोस योजना बनी है। हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी गए। मौसम अनुकूल कृषि से किसानों की आय बढ़ेगी। हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई है। इसके क्रियान्वयन की तैयारी चल रही है। इससे बिहार के किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का अध्यक्षता की। कार्यक्रम में उन जिलों के किसानों व अधिकारियों ने भी अपनी बात रखी, जहां पूर्व में मौसम के अनुकूल कृषि योजना पर काम शुरू हुआ था।