-अक्टूबर में कमेटी को करना था गाद प्रभावित इलाकों की जांच

PATNA: फरक्का बराज की वजह से गंगा में जमा हुई गाद के अध्ययन को ले बनी केंद्रीय कमेटी बिहार आना भूल गयी है। बाढ़ के समय पिछले वर्ष केंद्रीय कमेटी पटना आयी थी। केंद्रीय कमेटी ने हवाई सर्वेक्षण के बाद कहा था कि बाढ़ खत्म होने के बाद वह स्थल निरीक्षण करेगी। अभी तक केंद्रीय कमेटी के दौरे को ले जल संसाधन विभाग को कोई सूचना नहीं मिली है। इस बारे में जल संसाधन विभाग पुन: पत्राचार की तैयारी में है।

सीएम ने रखी थी मांग

बाढ़ के समय सीएम ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर फरक्का बांध की वजह से बिहार में गंगा की स्थिति के अध्ययन के लिए केंद्र सरकार से एक कमेटी गठित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद केंद्र सरकार के अधिकारी चितले की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन हुआ था। साथ ही सीडब्ल्यूपीआरएस, पूणे के निदेशक एम के सिन्हा की अध्यक्षता में एक अन्य कमेटी बनी थी।

बाढ़ समस्या की चर्चा

गाद को ले बनी कमेटी के समक्ष जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण सिंह ने दिल्ली में प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें गंगा में गाद की वजह से किनारे स्थित शहरों को में बाढ़ की समस्या को रेखांकित किया गया था। यह बताया गया था कि बाढ़ के समय पटना के गांधी घाट से फरक्का तक पहुंचने में बाढ़ के पानी को कितना अधिक समय लग गया। राज्य सरकार ने यह अनुरोध किया था कि गाद के अध्ययन को ले बनी कमेटी में बिहार का भी प्रतिनिधित्व हो। इस बाबत जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गाद को ले बनी केंद्रीय कमेटी दोबारा बिहार कब आएगी इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गयी है। इस कमेटी ने दिल्ली में एक-दो बैठक की है पर उसमें बिहार से कोई प्रतिनिधित्व नहीं हुआ।