अतिक्रमण हटाने वालों के गेट पर अतिक्रमण, कंकड़बाग अंचल में स्ट्रीट वेंडरों का कब्जा

- वेंडर्स को हटाने की जिम्मेदारी से कंकड़बाग पुलिस हटी पीछे

PATNA : जिस नगर निगम पर राजधानी पटना को स्वच्छता में देश के अन्य शहरों से सर्वश्रेष्ठ बनाने की अहम जिम्मेदारी है। वह नगर निगम वेंडर्स के आगे सरेंडर कर चुका है। हाल ही में एक बार कंकड़बाग अंचल के अधिकारी व कर्मचारियों ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो सड़क से लेकर कार्यालय तक उन्हें दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। यही नहीं कार्यालय में तोड़फोड़ तक की गई। पूरे घटनाक्रम से डीएम को अवगत कराया गया। पुलिस को उन्हें वहां से हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन वेंडर आज भी वहीं पर अस्थायी दुकान लगाकर बैठे हुए हैं।

पांच मार्च को हुई थी मारपीट

नगर निगम अंचल कंकड़बाग कार्यालय की बाउंड्री वॉल के आसपास करीब 150 वेंडर सब्जी, फल आदि की अस्थायी दुकान लगाते हैं। बिल्कुल सब्जी मंडी की भांति वहां पर दुकानें लगतीं हैं। शहर भर और सभी अंचलों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के तहत सामुदायिक सफाई अभियान चल रहा है। इसी के तहत अंचल के कर्मचारियों ने उन्हें हटाने का प्रयास किया था, लेकिन अभियान शुरू होते ही वेंडर आक्रोशित हो गए और नगर निगम कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। जान बचाकर नगर निगम कर्मी कार्यालय पहुंचे, तो वेंडर्स उनका पीछा करते हुए नगर निगम अंचल कंकड़बाग कार्यालय में भी पहुंच गए। वहां पर उन्हें जो कर्मचारी मिला, उसकी पिटाई कर दी। यही नहीं कार्यालय में तोड़फोड़ तक कर दी। मामला काफी बढ़ गया। बमुश्किल मामले को शांत कराया गया। इस विषय से नगर निगम पदाधिकारियों ने डीएम को अवगत कराया गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बैठक हुई। जिसमें नगर निगम पदाधिकारियों ने कहा कि उनके कार्यालय की बाउंड्री वॉल को छोड़कर ही दुकान लगाएं। इसके लिए उन्हें समय भी दिया गया। पुलिस ने जिम्मेदारी ली कि वे उन्हें व्यवस्थित कर देंगे। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि पुलिस खुद दुकान लगवा रही है। उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण स्वच्छता सर्वेक्षण पर भी असर पड़ रहा है।

डीएम को लिखा गया है पत्र

नगर निगम कंकड़बाग अंचल की ओर से डीएम को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि वेंडरों को वहां से हटाया जाए। मामले को लेकर बैठक की बात भी कही गई है, लेकिन अभी तक डीएम की तरफ से भी कोई डेट नहीं मिली है कि बैठक कब होनी है। जिसके कारण वेंडर अपनी मनमानी कर रहे हैं।

निगम कर्मी नहीं जुटा पा रहे हिम्मत

सूत्रों की मानें तो वेंडर्स के साथ हुई हाथापाई के बाद अब निगम कर्मी उनसे बात करने से कतरा रहे हैं। एक बार में ही निगम कर्मी वेंडर से इतना डर गए हैं कि दोबारा उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो रही है। वेंडर कहां पर बैठेंगे, यह प्रशासन को तय करना है। लेकिन, अभी तक कुछ भी तय नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण अस्थायी दुकानें सजी हुई हैं।

मिला हुआ है संरक्षण

सुत्रों की मानें तो वेंडर्स को स्थानीय दबंगों और नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए वे किसी से डरते नहीं हैं। कोई भी उन्हें हटाए जाने की बात करता है तो वे आक्रामक हो जाते हैं। परिणाम भी ये होता है कि उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं हो पाती है। कंकड़बाग थाने की पुलिस से इस संदर्भ में जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि वहां 50 वर्षो से सब्जीमंडी लगती आ रही है। उन्हें हटाने के लिए डीएम और एसडीओ के स्तर पर ही काम हो सकता है। पुलिस उन्हें कैसे हटवा सकती है।

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जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। वेंडर्स को व्यवस्थित करने की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।

सुशील कुमार मिश्रा, कार्यपालक पदाधिकारी, कंकड़बाग अंचल