सड़क के डिवाइडर ऐसे कि खतरे में पड़ सकती है जान

- बाईपास सहित कई इलाकों की सड़कें खतरनाक

PATNAs@inext.co.in

PATNA :

ठंड के मौसम में धुंध के बीच यदि आप गाड़ी से रात में सड़क से गुजर रहे हैं तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल शहर के कई प्रमुख इलाकों में सड़क के डिवाइडर पर रेडियम या इलेक्ट्रिकल इंडीकेटर नहीं लगे हैं। गहरे धुंध में ये डिवाइडर दिखते नहीं है। इसकी वजह से भयंकर हादसा होने की संभावना रहती है। अनीसाबाद बाईपास, एम्स रोड, खगौल-दानापुर रोड समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर डिवाइडर तो ऊंचे हैं लेकिन उसके उपर कोई इंडिकेटर नहीं है। इसके कारण वाहन चालकों के लिए धुंध वाली हर रात भय की रात बन जाती है।

- फुलवारी एरिया सबसे खतरनाक

कुहासे के कारण देर रात सबसे खतरनाक स्थिति अनीसाबाद गोलंबर से आगे फुलवारी शरीफ की है। यहां स्थिति यह है कि हर हफ्ते ही हादसा होता है। जिसमें कई जगह से डिवाइडर क्षतिग्रस्त हो चुका है। जबकि मात्र आठ महीने पहले ही यहां नया डिवाइडर तैयार किया गया था। दिसंबर के पहले ही हफ्ते में चुनौटी कुआं से पहले एक हाइवा डिवाइडर पर ही चढ़ गई। इसके कारण डिवाइडर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा रात में पुलिस वालों की गैर मौजूदगी में ट्रक लेन चेंज कर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। इसके कारण भी अलग-अगल प्वाइंट से भी यह क्षतिग्रस्त हो रहा है।

ऐसे हो सकते हैं सेफ

ठंड में रात के समय में ऐसे डिवाइडर को सेफ रखने के लिए सड़क के उपर रेडियम लाइट या इलेक्ट्रिक लाइट लगाई जाती है। इस लाइट की वजह से रात में धुंध के दौरान भी ये दिखते रहते हैं। ये लाइट इंडीकेटर का काम भी करते हैं। जैसे जैसे सड़क में मोड़ बनता है उसका भी पता चलता है। पटना में पाटलिपुत्र एरिया में डिवाइडर पर ऐसे लाइट लगाए गए हैं। जो दिन और रात में भी चमकते रहते हैं। कंकड़बाग मेन रोड में भी यह लगया गया है। इसलिए रात में जब गहरा धुंध होता है तब भी यह सेफ रहता है।

तो कम होंगे हादसे

एनआईटी पटना में प्रोफेसर और ट्रैफिक के जानकार प्रो। संजीव सिन्हा ने कहा कि सड़क को सेफ बनाने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जाते हैं। इसमें इंडीकेटर, लाइट, डिस्पले बोर्ड आदि भी जरूरी होते हैं। यदि सड़क के डिवाइडर पर ऐसे लाइट होंगे तो यह सेफ बनाने में काफी मदद मिल सकती है।