पटना (ब्यूरो)। पतंगबाजी का पर्व मकर संक्रांति नजदीक आते ही शहर में पतंग और चाइनीज मांझे की खरीदारी तेज हो गई है। देसी मांझा से सस्ता होने के चलते चाइनीज मांझा की बिक्री ज्यादा होती है। रोक के बावजूद पटना के बाजारों में खुलेआम बिक्री हो रही है। प्रशासन की तरफ से ऐसे दुकानदारों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण व्यापारियों का मनोबल और बढ़ता जा रहा है। व्यापारियों की माने तो पतंगबाजी के लिए खास तौर पर मुरादाबाद से चाइनीज मांझे मंगाए गए हैं और सिटी के चौक एरिया से पतंग मंगाकर कारोबार कर रहे हैं। मौसम साफ होने की वजह से इस बार अच्छी कारोबार होने का संकेत है।

-मुरादाबाद से मंगाया है चाइनिज मांझे

कंकड़बाग में पतंग का कारोबार करने वाले सलीम ने बताया कि इस बार मौसम साफ होने की वजह से मगर संक्रांति पर पतंग और मांझे का अच्छा कारोबार होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के लिए इस बार मुरादाबाद से खास तौर पर चाइनीज मांझे मंगाए गए है। यहां खरीदने वाले मांझे सभी पतंगों का डोर काटकर ही रहेगा। उन्होंने बताया कि पहले पटना सिटी के बाजारों में आसानी से मांझे मिल जाते थे मगर अब नहीं मिलता है इस लिए मुरादाबाद से मांझे मंगाए हैं। रही बात पतंग की तो पटना सिटी के बाजारों से पतंग लाकर दुकान में सेल कर रहा हूं।

-चोरी छिपे बेचते हैं मांझे
चाइनिज मांझे की पड़ताल करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की शहर के कंकड़बाग इलाके में पहुंची तो मांझे दुकान की जगह पास के घर में रखा हुआ था.कारोबारी विश्वास वाले लोगों को ही चाइनीज मांझे उपलब्ध करा रहे थे। कारोबारियों ने बताया कि चाइनीज मांझे पर रोक है। समय अभी अनुकूल नहीं है। कोई शिकायत कर दे इसलिए इसे सार्वजनिक तौर पर हम लोग नहीं बेच रहे हैं मांग अनुसार ही उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशासन भी इसकी रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं हो रहा है। सामान्य मांझे की अपेक्षा चाइनीज मांझा सस्ता होता है। काटने की तेज क्षमता के कारण पतंगबाज चाइनीज मांझे को अधिक पसंद करते हैं। कम दाम के आकर्षण, सूती की जगह नायलान और प्लास्टिक धागे पर चढा लोहे-कांच का बुरादा उसे ज्यादा धारदार जानलेवा बना रहा है, जिसकी चपेट में आकर पतंगबाजों, राहगीरों दुपहिया वाहन चालकों की उंगलियों, गर्दन, मुंह और हथेली घायल हो सकते
हैं।

- दो दिन होगी पतंगबाजी

दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति पर शहर में इस बार खूब पतंगबाजी होगी। लगातार दूसरे वर्ष 14 जनवरी के बदले 15 जनवरी को पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए शहर के यूथ अप्रत्यक्ष रूप से तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि पतंगबाजी के बिना मकर संक्रांति का पर्व अधूरा माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ। विकास नाथ झा कुंवर ने बताया कि 14 जनवरी की आधी रात के बाद सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण यह संयोग बना है। अगली बार ऐसा संयोग वर्ष 2027 में बनेगा। मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व रविवार होने के चलते शहर में दो दिन पतंगबाजी होगी।

-पक्षियों के साथ राह चलने वाले लोग घायल होते हैं
चोरी-छिपे बिक रहे चाइनीज मांझा से पंतग बाजी सैकड़ो पक्षियों की मौत का कारण बनती है। इतना ही पतंगबाजी के दौरान राह चलने वाले लोगों से अगर चाइनीज माझा टकरा जाए तो राह चलने वाले लोग बुरी तरह से घायल हो जाते हैं। एक्स्पर्ट की माने तो चाइनीज मांझा में लोहे और ग्लास का अंश होता है। जिस वजह से राह चलने वाले लोग घायल हो जाते हैं। इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचता है।


चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध है। हर किसी को पता है। पटना सदर एरिया बिक्री होने की जानकारी आपने दी। मैं इसे चेक करवा लेता हूं। पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी ।
-श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, एसडीएम, पटना सदर