- केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बीआईए के साथ की मीटिंग

- जल्द ही बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ लोन सहित अन्य समस्याओं को होगा निपटारा

PATNA :

जापान, सिंगापुर, साउथ कोरिया जैसे देश तेजी से आर्थिक विकास कर रहे हैं। ऐसे और देश भी इनके साथ विकास की राह पर हैं। लेकिन भारत में ऐसा अब तक नहीं हो सका है। कृषि पर ज्यादा लोग निर्भर हैं। ये बातें केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामले के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ इंटरेक्शन के दौरान कही। आगे उन्होंने कहा कि बिना इंडस्ट्री और सर्विस में तेजी लाए बगैर तेज आर्थिक विकास संभव नहीं है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के विकास के बिना भारत के आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

उद्योग जगत की समस्याएं रखी

बीआईए सभागार में आयोजित इस इंटरेक्शन मीट में केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का स्वागत बीआईए के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने की। उन्होंने बीआईए के 77 साल के स्थापना काल के दौरान कुछ उपलब्धियों पर चर्चा की। कार्यक्रम संचालन मनीष तिवारी ने की। इसके उपरांत एसोसिएशन के महासचिव आशीष रोहतगी ने औद्योगिक वित्त से जुड़ी हुई समस्याओं से रु-ब-रु कराया। उन्होंने कहा कि बिहार में देश की नौ प्रतिशत आबादी निवास करती है। लेकिन उद्योग में पिछड़ापन है। उन्होंने इसमें बैकों के उदासीन रवैये, सीडीआर, ओटीएस, आत्मनिर्भर भारत स्कीम में लाभ न मिल पाने और फार्म क्रेडिट से एग्रो प्रोडक्शन की कमजोर स्थिति सहित अन्य मुद्दे रखे।

एमएसएमई के लिए छूट की मांग

इस दौरान आशीष रोहतगी ने लॉकडाउन के पूर्व उत्पादन क्षमता का 25 प्रतिशत नहीं करने वाले एमएसएमई के उद्योगों के लिए बैंक से लिए गए ऋण का सूद मांग करने की मांग रखी। इसके साथ ही डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी से जुडे़ मुद्दे उठाए गए।

बैंक को मिलेंगे निर्देश

बीआईए की ओर से राज्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में बीआईए की ओर से बैंकों की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने का मुद्दा प्रमुखता से रखा गया। आशीष रोहतगी ने कहा कि आम तौर पर उद्यमियों से जुडे़ कई स्कीम को लेकर बैंक उदासीन हैं। लास्ट क्वाटर आने पर ही बैंककर्मी काम शुरू करते हैं और लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाता है। इस मामले पर राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सभी को भरोसा दिलाया कि चुनाव के उपरांत एक और इंटरैक्शन सेशन होगा। इसमें सभी बैंकों के पदाधिकारी और इंडियन बैंक एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी रहेंगे। समस्याओं को सुनेंगे।

डिजिटल तरीके से समाधान

अंत में राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एक समय था जब फिजिकल मनी ही यूज में थी। इसके बाद प्लास्टिक मनी यानि एटीएम आया। अब केन्द्र सरकार ने डिजिटल मनी के बेहतर और सुगम लेन-देन से लोगों को मदद करने और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरीके से काम कर रही है कि बैंक उद्यमियों को लोन देने में आपस में प्रतिस्पर्धा करें।