- एनएमसीएच में डायलिसिस कराने वाले पेशेंट में हो रही है बढ़ोत्तरी, बढ़ाई जा सकती हैं 14 मशीनें

- प्राइवेट में एक डायलिसिस में लगता है 3 हजार और पीपीपी मोड पर एनएमसीएच में लगेंगे 1410 रुपए

PATNA CITY : एनएमसीएच में डायलिसिस सेंटर के खुलने से इकनॉमिकल क्राइसिस से जूझ रहे पेशेंट को काफी फायदा हुआ है। डायलिसिस सेंटर के खुलने से एनएमसीएच में डायलिसिस कराने वाले पेशेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में डायलिसिस के लिए व‌र्ल्ड क्लास की फैसलिटी मिलने से किडनी फेल होने की बीमारी से जूझ रहे पेशेंट को काफी फायदा मिला है। वर्तमान टाइम में एनएमसीएच के डायलिसिस सेंटर में टोटल म् मशीनें हैं। इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो एक-एक करके क्ब् मशीनें डायलिसिस सेंटर में लगाई जा सकती है।

एक दिन में क्8 डायलिसिस की झमता

एनएमसीएच में बने सेंटर में एक दिन में क्8 पेशेंट के डायलिसिस किए जाने की सुविधा फिलहाल है। दरअसल एक दिन में एक मशीन तीन पेशेंट की डायलिसिस कर सकती है। एक डायलिसिस में तकरीबन ब् घंटे लगते है। ऐसे में म् मशीनों के जरिए एक दिन में पेशेंट्स का डायलिसिस किया जा सकता है।

बढ़ी पेशेट्स की संख्या

क्म् अगस्त ख्0क्ब् को सीएम जितन राम मांझी ने डायलिसिस सेंटर का इनॉगरेशन किया था। आंध्र प्रदेश की कंपनी बी ब्राउन के साथ पीपीपी मोड में डायलिसिस सेंटर को खोला गया। सेंटर के खुलने के बाद से अब तक ख्क् पेशेंट्स का डायलिसिस लगातार किया जा रहा है। ये पेशेंट्स पटना लोकल के साथ ही दरभंगा, मधुबनी, अरवल, समस्तीपुर, आरा और बक्सर के हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में डायलिसिस कराने वाले पेशेंट्स की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी।

आधे से अधिक की होती है बचत

दोनों किडनी फेल वाले पेशेंट को अमूमन एक वीक में दो से तीन बार डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ती है। एक प्राइवेट हॉस्पीटल में एक डायलिसिस का खर्च तकरीबन फ् हजार से अधिक का होता है। लेकिन पीपीपी मोड पर एनएमसीएच में मात्र क्ब्क्0 रुपए ही एक डायलिसिस के लिए देना होता है। ऐसे में गरीब फैमिली वालों का आधे से ज्यादा रुपए की बचत हो जाती है। आम तौर पर इकनॉमिकल क्राइसिस की वजह से गरीब पेशेंट डायलिसिस नहीं करा पाता है। जिस कारण ऐसे पेशेंट्स की डेथ भी हो जाती है।

डायलिसिस कराने वाले पेशेंट्स की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। हमारी झमता एक दिन में क्8 पेशेंट्स के करने की है। ऐसे में मशीनों का बढ़ाना जरूर है। इसके लिए कंपनी की ओर से स्टेट गवर्नमेंट को लिखा जाएगा और उनसे अप्रुवल लिया जाएगा। एनएमसीएच सेंटर में क्ब् मशीन और लगाई जा सकती हैं।

- मनोरंजन सतपति, मैनेजर ऑपरेशन, बी ब्राउन