- आर्थिक अपराध ईकाई के निर्देश के बाद मामला दर्ज

- अरेस्ट करने का भी निर्देश पर दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी नहीं

-पटना से रोहतास का चक्कार काट उत्तम कुमार

PATNA : आखिर वही हुआ जिसका डर था। एक-एक पाई जोड़कर लाखों रुपए जमा किया था, लेकिन क्या पता था कि जिस सपने की आस संजोए जीवन भर की पूंजी दूसरे के हाथ में दे रहा है, वह दगा देने को तैयार बैठा है। हैरत तो तब हो गई जब ठग के खिलाफ कंप्लेन किया तो मामला दर्ज कर लिया गया लेकिन चंद दिनों उसे ही अरेस्ट कर जेल भेज दिया।

क्या है मामला

यह हकीकत है कोचस (रोहतास)के रहनेवाले उत्तम कुमार की। जो पेशे से सोनार है और सोने-चांदी की दुकान चलाता है। उसने बताया कि एक दिन दया डाक इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेज कोचस (चिटफंड कंपनी) ने ऑफर दिया कि रुपए जमा कीजिए और उस पर हर महीने दो परसेंट ब्याज पाइए। बस क्या था। मैं और पत्नी दोनों फंस गए। ज्यादा कमाने की चाहत में कंपनी को क्7 लाख दे दिया। इसमें क्क् लाख का प्रमाण पत्र दिया। बाकी का नहीं दिया। विश्वास में आकर उत्तम कुमार ने हर महीने ब्याज भी नहीं लिया। कहा साल में एक बार जोड़ कर दे देना। प्रलोभन यह भी दिया गया था कि साल भर बाद मूल रुपया भी दे दिया जाएगा। उत्तम को लगा कि ब्याज और मूलधन एक साथ मिल जाएगा तो काफी पैसे हो जाएंगे।

बुलाया और जेल भेज दिया

लेकिन लिमिटेड का मालिक दयाशंकर सिंह बड़ा ठग निकला। उसने दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपए लेकर चंपत हो गया। उत्तम जब थाने में मामला दर्ज करने पहुंचा तो किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। तब वह पटना स्थिति आर्थिक अपराध इकाई पहुंचा। ईओयू के निर्देश के बाद मामला दर्ज हुआ। साथ ही ठगी के एक मामले में दयाशंकर को अरेस्ट करने का निर्देश 8 अप्रैल ख्0क्म् को जारी हो गया। इसके बाद उत्तम ने कोचस में ही एक दिन का सत्याग्रह किया। उपवास रखा तो उसे थाने पर बुलाया गया और जेल भेज दिया गया। बहरहाल ठगी के शिकार लोग पटना से कोचस तक चक्कर काट रहे हैं, लेकिन पुलिस है कि ठग को अरेस्ट नहीं कर पा रही है।

लगभग आठ करोड़ की ठगी की है दया डाक इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कोचस ने। कंपनी का मुख्य सरगना दयाशंकर सिंह अपने ससुराल दामोदरपुर, रोहतास में रहता है। कभी-कभी बनारस में भी। पुलिस को उसका पता-ठिकाना भी बताया पर अरेस्ट नहीं किया जा रहा है। उल्टे मुझे ही कोचस पुलिस ने जेल में डलवा दिया था। अब किससे फरियाद करें।

उत्तम कुमार, ठगी का शिकार