-एनएमसीएच से शुरू हो सकती है कोरोना चेन

PATNA: एनएमसीएच में शिशु रोग विभाग की एक असिस्टेंट प्रोफेसर वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गईं। उनके परिवार के कई सदस्य डॉक्टर हैं। साथ ही वह पटना सिटी स्थित क्लीनिक में भी पेशेंट को देखती हैं। उनके संपर्क में आने वाले कई लोग संक्रमित हो सकते हैं, जबकि क्लीनिक में आने वाले पेशेंट की डिटेल लेकर कोरोना जांच करने की बात सामने नहीं आई है। फिलहाल एनएमसीएच कैंपस में कोरोना फैलने का खतरा बना हुआ है, वहीं डिपार्टमेंट में सभी हेल्थ वर्कर्स की आरटीपीसीआर जांच की गई है।

ये है मामला

एनएमसीएच के सूत्रों के अनुसार इस बात की पुष्टि की गई है कि एनएमसीएच के शिशु विभाग में जो असिस्टेंट प्रोफेसर संक्रमित हुई थी, उन्होंने कोरोना का दो डोज ले दिया था। इसके बाद भी वह संक्रमित हुई है। हालांकि एक डॉक्टर ने नाम न लिखे जाने की बात पर बताया कि पहले से शिशु विभाग में कोई संक्रमित नहीं था। इसलिए संभवत: उनका संक्रमण डिपार्टमेंट से कहीं बाहर से ही हुआ होगा। वहीं, एक्सपर्ट की माने तो वैक्सीन की इफिकेसी 80 प्रतिशत तक है। यानि 20 प्रतिशत में इससे एंटीबाडी नहीं बन सकती है। यह एक कारण हो सकता है।

72 घंटे तक सैनिटाइजेशन

सुपरीटेंडेंट डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि यहां के शिश विभाग में पेशेंट को ट्रांसफर कर बुधवार की शाम तक सैनिटाइजेशन किया गया है। साथ ही, इसके अगले दिन यानि गुरूवार को भी यहां प्रापर सैनिटाइजेशन किया जाएगा। विभाग का निर्देश दिया गया है कि 72 घंटे के बाद ही यहां किसी पेशेंट को एडमिट किया जा सकता है। हालांकि कोरोना वार्ड में यहां फिलहाल दो पेशेंट एडमिट किए गए हैं।

नहीं बना कंटेनमेंट जोन

जानकारी हो कि संबंधित संक्रमित असिस्टेंट प्रोफेसर का निवास पटना सिटी के मच्छरहट्टा में है। इसलिए नियमत: उनके निवास स्थान के इलाके को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाना चाहिए था। लेकिन प्रशासन की ओर से बुधवार की देर शाम तक ऐसा नहीं किया गया। उनके संपर्क में आने वाले लोगों की ट्रेसिंग भी नहीं की गई है।

शिशु विभाग के सभी डॉक्टरों की आरटीपीसीआर जांच कराई गई है। इसके अलावा जो असिस्टेंट प्रोफेसर कोरोना से संक्रमित हुई थी, उनका एड्रेस सिविल सर्जन को भी भेजा गाया है। सभी की जांच होगी।

-डॉ विनोद कुमार सिंह, मेडिकल सुपरिटेंडेंट

एनएमसीएच में जो महिला डॉक्टर संक्रमित हुई हैं, उनके घर पर जांच के लिए टीम भेजी जाएगी, ताकि फैमिली के सभी लोगों की जांच पूरी हो सके।

-डॉ। विभा कुमारी, सिविल सर्जन पटना