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PATNA : पटना के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में दवा का काला खेल चल रहा है। संस्थान में कदम रखते ही मरीज दलालों की नजर में आ जाते हैं और दवा से लेकर जांच में मिस गाइड होते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आईजीआईएमएस के उस काले कारोबार का खुलासा करने जा रहा है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दलालों से लेकर डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के बीच चलते इस बड़े रैकेट ने पूरे सिस्टम को संक्रमित कर दिया है। डीजे आई नेक्स्ट स्टिंग ऑपरेशन में पूरा सिस्टम बेनकाब कर रहा है।

आपने देखी है ऐसी दवा दुकान

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के इमरजेंसी के सामने बाउंड्री के पार लगभग आधा दर्जन दवा की दुकानें हैं। जब तक बाउंड्री नहीं बनी थी दवा की दुकानों का शटर इमरजेंसी के सामने ही खुलता था। संस्थान ने बाउंड्री बना दी तो दुकानों का फ्रंट भी पूरी तरह से बंद हो गया। आईजीआईएमएस के सहारे चल रही इन दवा की दुकानों से कारोबार लगभग पूरी तरह से ठप हो गया। लेकिन दुकानों से दलालों की ऐसी सेटिंग हुई की बिक्री फिर आसमान पर पहुंच गई और संस्थान ने जिस मंशा के साथ बाउंड्री बनाई थी उसका भी कोई मतलब नहीं रह गया।

दलालों की फौज लग जाती है मरीजों के पीछे

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में दलालों की पूरी फौज है। जांच से लेकर दवा के लिए वह मरीजों के पीछे लग जाते हैं। मरीजों को और कोई नहीं मेडिकल स्टॉफ ही दलालों के पास ले जाता है। संस्थान के इमरजेंसी के पास दवा की दुकानों को लेकर पूर्व में भी काफी विवाद हुआ था। इसे लेकर कई बार संस्थान और मेडिकल स्टोर वालों से तनाव भी हो चुका है। संस्थान हर सख्ती दिखाकर हार गया क्योंकि संस्थान के स्टाफ और कई डॉक्टरों का बैक डोर से दवा के दलालों को संरक्षण प्राप्त है। दवा की दुकानों से जुड़े दलालों का धंधा बंद करने के लिए लंबी बाउंड्री बना दी गई। लेकिन दुकानों से दवा की डिलेवरी अब बाउंड्री के ऊपर से दलालों के माध्यम से की जा रही है।