PATNA : भगवान शंकर की उपासना का खास महीना इस बार कई अद्भुत संयोग लेकर आ रहा है। 19 साल बाद इस बार श्रावण मास पर बन रहे 30 दिनों के विशेष योग में चार सोमवार का संयोग भी काफी शुभ फल देने वाला है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि सावन माह में जब विशेष संयोग बनता है तो इस माह का हर दिन खास हो जाता है और उपासना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

ऐसे बन रहा है सावन का संयोग

पटना के प्रमुख ज्योतिष विद्वान व मार्तण्ड ज्योतिष के संस्थापक डॉ श्रीपति त्रिपाठी का कहना है कि इस बार सावन माह का शुभारंभ 28 जुलाई से हो रहा है। भगवान शिव की अराधना के लिए यह माह विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि सावन या श्रावण मास में शिव की पूजा अर्चना से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। उपासना से भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण होती है। इस साल का सावन का महीना 19 साल बाद ऐसा संयोग बना रहा है जिससे हर किसी को उपासना का पूर्ण लाभ मिलेगा। दुर्लभ संयोग कम ही बनते हैं।

दो ज्येष्ठ ने बनाया खास

ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि 19 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने के पीछे अधिकमास के कारण हो रहा है। दो ज्येष्ठ होने के कारण 28 जुलाई को सावन का पहला दिन होगा जो कि 26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ेगा। मान्यता है कि सावन के सभी सोमवार व्रत रखने और शिवलिंग पर विल्बपत्र के साथ जल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

सावन के पहले दिन घर लाएं सुख समृद्धि

1. रुद्राक्ष - सुख, सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने के लिए। यह अत्यंत शुभ और सौभाग्य बढ़ाने वाला होगा।

2. जल पात्र - चांदी, तांबा या पीतल का जलपात्र खरीदकर लाएं तो अत्यंत शुभ होगा। इससे शिव को जलाभिषेक करें।

3. चांदी का चंद्र या मोती- दिन चांदी का कड़ा खरीदना शुभ होता है।

4. चांदी का विल्बपत्र- चांदी का विल्बपत्र रखना शुभ होता है। इससे साथ जलाभिषेक करें।

5. चांदी का चांद- भगवान शिव के मस्तक पर चांद सुशोभित है, इसलिए जांच खरीदना शुभ होता है।

इस बार सावन में 19 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इससे उपासना का कई गुना विशेष लाभ मिलेगा। इस दुर्लभ संयोग का लाभ उठाना चाहिए और जलाभिषेक साथ रुद्राभिषेक से शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करना चाहिए।

डॉ श्रीपति त्रिपाठी, संस्थापक

मार्तण्ड ज्योतिष