पटना (ब्यूरो)। पटना और पटना प्रमंडल स्तर पर दुर्गा पूजा के दौरान विधि-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश है। शुक्रवार को दुर्गा पूजा को लेकर प्रमंडल स्तर की तैयारियों को लेकर ये निर्देश पटना कमिश्नर कुमार रवि ने दिया है। उन्होंने कहा कि विशेष सर्तकता बरतें और ड्रोन से नजर रखें। इस बाबत सभी डीएम और एसएसपी को निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि रावण वध कार्यक्रम के लिए मानकों के अनुरूप तैयारी रखें। साथ ही चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम कार्यरत होना चाहिए। साथ ही क्राउड कंट्रोल को लेकर पूरी तैयारी रखें। वे प्रमंडल अन्तर्गत सभी छ: जिलों-पटना, नालन्दा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर-के जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के साथ तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।


सोशल मीडिया पर भी नजर
बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिया गया कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को लगातार क्रियाशील रखें। अफवाहों का त्वरित खंडन करें। पूर्व की घटनाओं में शामिल लोगों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करें। भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से निगरानी करें तथा इस आशय का फ्लेक्स/बैनर जगह-जगह प्रदर्शित करें कि आप सीसीटीवी की नजर में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम(क्यूआरटी) एवं क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम(क्यूएमआरटी)तैनात रखें। मद्य-निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करें। 21, 22 एवं 23 अक्टूबर को क्रमश: सप्तमी, महाअष्टमी एवं महानवमी मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को दशहरा (विजयादशमी) है।

वीडियोग्राफी करते रहें
कमिश्नर कुमार रवि ने कहा कि दुर्गा पूजा में विभिन्न मंदिरों तथा सावर्जनिक दुर्गा पूजन स्थलों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होने की संभावना रहती है। गांधी मैदान, पटना में रावण-वध कार्यक्रम होता है। अन्य स्थानों पर भी यह होता है। अत: पटना के साथ बाकी जिलों को भी सतर्कता के साथ तैयारी सुनिश्चित करनी होगी। गश्ती दल द्वारा रेगुलर पेट्रोलिंग की जाए। कंट्रोल रूम से भीड़ पर निगरानी रखी जाए। सीसीटीवी कैमरा एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से नजर रखी जाए। मेडिकल कैम्प एवं मे आई हेल्प यू काउण्टर भी एक्टिव रखें। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक है। डीजे भी पूर्णरूपेण प्रतिबंधित है।

कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन
कमिश्नर कुमार रवि ने कहा कि जल(प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अनुसार मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होगा। किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन से पहले जैव-विघटनीय सामग्रियां निपटान के लिए अलग से एकत्र की जाए। सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पूजा समितियों को उनके इस दायित्व से अवगत करा दिया जाए। मूर्ति विसर्जन के मार्ग का निर्धारण कर लिया जाए। जुलूस मार्ग एवं घाटों को अतिक्रमणमुक्त रखे।