.तभी धांय की आवाज आई

जैसे ही ट्रेन रुकी कि पांचों नीचे उतर गईं। उसी समय स्लीपर बोगी से आरपीएफ का एक जवान उतरा। तभी धांय की आवाज आई और जवान खून से लथपथ हो गया। पांचों महिला नक्सलियों ने जवान को पकड़ा और पटक दिया और उसे पत्थर से कूचने लगी। उस वक्त पांचों का चेहरा भी डरावना दिख रहा था। जवान को मारने के बाद सबने कमर से पिस्टल निकाला और लाल सलाम का नारा लगाने लगी।

और गंूजने लगे धमाके

चारों तरफ बम के धमाके की आवाज गूंजने। बोगी में सवार पैसेंजर डर के मारे कांप रहे थे। मैं खिड़की के पास बैठा था। यह मंजर देखकर मैं हिल भी नहीं पा रहा था। इसके बाद एक पुलिस जवान आगे की बोगी से जैसे ही गेट पर आया नक्सलियों ने उसे गोली मार दी। नक्सली घूम-घूमकर बोगी का वैक्यूम काटने लगे। साथ में लाल सलाम का नारा भी लगे रहे थे। नक्सलियों का जत्था ज्यादातर सलवार शूट में लड़की ही दिख रहा है। मेरे अनुमान से 60 से 70 परसेंट संख्या लड़कियों थीं। वे ट्रेन पर एक के बाद एक बम चला रही थी। जेनरल बोगी में सवार नागेश्वर सिंह की आंखों देखी।

झाझा-सिमुलतला में चढ़े नक्सली

प्रत्यक्षदर्शी गोपाल ने बताया किया मैं एस-3 में था। मैंने देखा कि झाझा में दो-तीन लड़कियां मेरी बोगी में चढ़ीं। उसके बाद तीन-चार सिमुलतला में चढ़ीं.  जमुई से पहले तक सब अलग-अलग बैठी थी। जैसे ही ट्रेन जमुई से खुली सब उठकर साथ हो गईं।

क्रूर थी महिला नक्सलियों की करतूत

एस-3 में ही सवार शशि और पप्पू ने बताया कि गोली और बम के धमाके के बाद मेरी तो सांस अटक गई। नक्सलियों ने माइक से सबको नीचे उतर जाने को कहा। कोई भी पहले उतरने को तैयार नहीं था। खिड़की से हमने महिला नक्सलियों को पुलिस के जवान को कूचते देखा। उनकी बर्बरता ऐसी थी कि मरने के बाद भी वे उसे कूच रही थी।

एस-3 से उतरी थी पुलिस

एस-3 में सवार सोनू व विजय ने बताया कि गोली की आवाज सुनने के बाद उस बोगी में मौजूद पुलिस के जवान जैसे ही गेट पर आए तड़ातड़ गोली चलने लगी। गोली चलाने वालों में पुरुष व महिला दोनों नक्सली शामिल थे। पुलिस को मारने के बाद इसी बोगी के नीचे नक्सलियों ने बम फोडऩा शुरू कर दिया। बम से जोरदार आवाज के साथ चिंगारी निकलती। यह नजारा देखकर पैसेंजर्स एक-दूसरे से सट गए। वे एक-दूसरे को पकड़े हुए थे। सब के चेहरे पर मौत का खौफ साफ दिख रहा था।

छावनी में बदला पटना जंक्शन

पटना जंक्शन पर ट्रेन आने से पहले पुलिस पूरी तरह से अलर्ट थी। प्लेटफार्म नंबर-9 पर हर जगह पुलिस को तैनात कर दिया गया था। ट्रेन के आते ही पुलिस ने ट्रेन की जांच करनी शुरू कर दी। आम दिनों की तरह गुरुवार को ट्रेन प्लेटफार्म पर नहीं रुकी। दो से तीन मिनट में ट्रेन को शंटिंग में लगा दिया गया।

बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे देखने

पटना जंक्शन पर बड़ी संख्या में लोग अपनों को देखने पहुंचे थे। जैसे ही ट्रेन पहुंची हर कोई मोबाइल से फोटो खींचने लगा। जो लोग अपनों को लेने पहुंचे थे, उन्हें मिलते ही गले लगा लिया। इसके बाद उनके चेहरे पर सुकून दिख रहा था।

बच्चे को चिपकाई कलेजे से

एस-2 में सवार सुमुखी सिंह ने बताया कि ट्रेन रुकी तो हमलोगों ने समझा कि कोई उतरने के लिए वैक्यूम किया है। लेकिन जैसे ही गोली और बम की आवाज गूंजने लगी मैंने अपने बच्चों को सीने से चिपका लिया। उन्हें अपनी आंचल में छुपा लिया। मेरे दोनों बच्चे डर के मारे कांप रहे थे। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं मन ही मन भगवान से दुआ करने लगी कि कम से कम मेरे बच्चे को बचा दें।

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