-पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति सरेंडर करने पहुंचे थे मंझौल न्यायालय, गिरफ्तार नहीं कर सकी सीबीआई

-खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, बरामद गोली हमारी नहीं

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क्चश्वद्दस्न्क्त्रन्ढ्ढ/क्कन्ञ्जहृन्: हाइवोल्टेज ड्रामा के बाद आखिरकार राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने सोमवार को प्रतिबंधित हथियार के ¨जदा कारतूस बरामदगी मामले में मंझौल न्यायालय में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बीच सरेंडर कर दिया। न्यायिक दंडाधिकारी मंझौल, योगेश कुमार मिश्र ने 6 नवंबर तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इधर, सोमवार की सुबह से पूरे जिले में चन्द्रशेखर वर्मा के सरेंडर की सूचना के बावजूद पुलिस और सीबीआइ अरेस्ट नहीं कर सकी।

50 गोली की गई थी जब्त

ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में शोषण के मामले में सीबीआइ ने पूर्व मंत्री के पटना एवं चेरिया बरियारपुर थाना के अर्जुनटोल स्थित आवास पर 17 अगस्त को एक साथ छापेमारी की थी। जिसमें रिवॉल्वर की 15 चक्र, थ्री फिफ्टीन की 10 चक्र, थ्री नट थ्री राइफल की छह चक्र और 7.62 एमएम की 19 चक्र कुल 50 ¨जदा गोली सीबीआइ ने बरामद कर चेरिया बरियारपुर पुलिस के हवाले किया था। इस मामले में सीबीआइ के डीएसपी उमेश कुमार के आवेदन पर पूर्व मंत्री एवं उनके पति के विरुद्ध प्राथमिकी कांड संख्या 143/18 भादवि की धारा 25 (1) ए, 26 एवं 35 के तहत दर्ज कराई गई थी।

मीडिया के सामने दी सफाई

सरेंडर से पहले न्यायालय कैंपस में चंद्रशेखर वर्मा ने अपने अधिवक्ता सत्य नारायण महतो के समक्ष मीडिया से बातचीत में न्यायालय और पुलिस पर भरोसा जताते हुए कहा कि इनसे उनकी कोई शिकायत नहीं है। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआइ को मेरे विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिला है। जितने के विरुद्ध साक्ष्य मिले हैं, वह सभी जेल में बंद हैं। सीबीआइ ने मेरे व परिजनों की अनुपस्थिति में छापेमारी की है। जिसमें गोली मिली है। उसमें मेरा कोई दोष नहीं है। गोली कैसे और कहां से मिली है, यह सीबीआई बता रही है। दावे के साथ कह सकता हूं कि वह गोली मेरी नहीं है।

आखिर कहां हैं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से चर्चा में आने के बाद पद गवाने वाली पूर्व मंत्री मंजू वर्मा आखिर इन दिनों कहां गुम हैं। सीबीआइ से लेकर पुलिस को भी मंजू वर्मा की बेसब्री से तलाश है। लेकिन इस चुप्पी के बीच सवाल है कि आखिर वो कहां हैं। सनद हो कि सीबीआइ की रेड में विभिन्न प्रतिबंधित हथियारों के बरामद कारतूस को लेकर सीबीआइ के आवेदन पर बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर थाना में उन्हें एवं उनके पति को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसको लेकर पूर्व मंत्री ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे जिला न्यायालय से लेकच्र उच्च न्यायालय तक ने खारिज कर दिया था। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने अपने अनुसंधान में पूर्व मंत्री को संदेह के घेरे से बाहर कर दिया था। लेकिन अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय के द्वारा खारिज किए जाने के बाद पुलिस की थोड़ी सख्ती दिखी। जानकार बताते हैं कि पुलिस अब तक पूर्व मंत्री के विरुद्ध किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर पाई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए किसी प्रकार की टीम का गठन तक नहीं हुआ है।